शरद पवार (Image- Social Media)
Mumbai News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को अदालती कार्यवाही के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई पर हमले के कथित प्रयास की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल न्यायपालिका पर हमला है, बल्कि संविधान का भी गंभीर अपमान है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने यहां एक बयान में कहा कि न्यायपालिका लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने तथा यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि बहस एवं असहमति निष्पक्ष एवं न्यायसंगत निष्कर्ष तक पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए है। न्याय की सर्वोच्च संस्था (उच्चतम न्यायालय) में भारत के प्रधान न्यायाधीश पर हमला करने का प्रयास न केवल न्यायपालिका पर हमला है, बल्कि हमारे लोकतंत्र, हमारे संविधान और हमारे राष्ट्र का गंभीर अपमान है।”
संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए, राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमारे देश में फैलाया जा रहा जहर अब सर्वोच्च संवैधानिक संस्थाओं का भी सम्मान नहीं करता। यह देश के लिए ख़तरे की घंटी है।”
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वरिष्ठ नेता पवार ने आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे कि भारतीय लोकतंत्र के स्तंभ किसी भी हालत में कमजोर नहीं हों। सोमवार को अदालती कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने न्यायमूर्ति गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की। वकीलों के अनुसार, यह घटना उस समय घटी, जब प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ वकीलों द्वारा उल्लेख किए गए मामलों की सुनवाई कर रही थी। आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गयी। -एजेंसी इनपुट के साथ