अवधुत साठे (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: देशभर में ‘मार्केट गुरु’ के नाम से पहचान बनाने वाले अवधूत साठे और उनकी ट्रेडिंग अकैडमी पर सेबी ने गुरुवार को सख्त कार्रवाई करते हुए सभी प्रकार के पूंजीबाजार लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी है।
सेबी ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला कि साठे दंपति बिना किसी पंजीकरण के प्रत्यक्ष निवेश सलाह दे रहे थे और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नाम पर लाइव ट्रेडिंग कॉल जारी कर छात्रों से कुल 601 करोड़ रुपये वसूल किए।
इस कार्रवाई से मुंबई और पुणे के फिनफ्लुएंसर जगत में बड़ी खलबली मच गई है और इसे अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय शिक्षा घोटाला माना जा रहा है। जांच में सामने आया कि साठे लाइव मार्केट डेटा दिखाकर खरीद-बिक्री के स्पष्ट संकेत दे रहे थे।
वे अपने ट्रेड और मुनाफे के स्क्रीन रिकॉर्डिंग दिखाकर छात्रों को आकर्षित करते और ‘चार्ट स्टडी’ के नाम पर व्हाट्सऐप ग्रुप में वास्तविक ट्रेडिंग कॉल देते थे। कई छात्रों ने बताया कि उन्हें कोर्स फीस चुकाने के लिए पर्सनल लोन लेने के लिए प्रेरित किया जाता था।
सेबी के अध्ययन के अनुसार, खुदरा ट्रेडरों में दस में से नौ लोग घाटे में रहते हैं, लेकिन साठे अपनी प्रस्तुति में लगातार मुनाफे का दावा करते थे और केवल सफल सौदों को ही सार्वजनिक करते थे, जबकि नुकसान छिपाते थे।
सेबी ने आदेश दिया है कि कुल 601 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जाए, जिसमें 546 करोड़ रुपये अनधिकृत लाभ का हिस्सा है। साथ ही साठे दंपति और उनकी अकैडमी के सभी बैंक और डिमैट खाते तुरंत फ्रीज करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें किसी भी रूप में निवेश सलाह, प्रशिक्षण या सिफारिशें देने से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है और पूंजी बाजार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रवेश भी रोक दिया गया है।
कई छात्रों ने सेबी को शिकायत में लिखा कि उन्हें शिक्षा देने के बजाय जोखिम भरे ट्रेडिंग प्रलोभनों में फंसाया गया। कोर्स फीस 25 हजार से तीन लाख रुपये तक थी और “हर महीने 5 से 10 प्रतिशत मुनाफे” का दावा कर उन्हें आकर्षित किया जाता था। कई छात्रों ने कर्ज लेकर या सोना गिरवी रखकर कोर्स किए। छात्रों के अनुसार, यह प्रशिक्षण नहीं बल्कि जुए जैसे जोखिम में धकेलने जैसा था।
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सेबी की इस कार्रवाई के बाद मुंबई और पुणे की कई अन्य वित्तीय अकैडमियों में भगदड़ की स्थिति बन गई है। कई संस्थानों ने तुरंत अपनी वेबसाइटों में बदलाव किए और लाइव ट्रेडिंग सत्र बंद कर दिए। यह मामला वित्तीय प्रशिक्षण उद्योग के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत बनकर उभरा है।