संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: शिवसेना शिंदे गुट के विधायक और विधानसभा की अनुमान समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर के निजी सहायक किशोर पाटिल के वसूलीकांड को शिवसेना (उद्धव गुट) ने उजागर किया, जिससे राजनीतिक हलकों में भारी खलबली मच गई थी। यह मामला तब सामने आया जब धुले के सरकारी विश्रामगृह के कमरा नंबर 102 में 1 करोड़ 85 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई।
इस रकम की जांच में हो रही देरी को लेकर शिवसेना यूबीटी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक तीखा पत्र लिखते हुए पूछा कि आप अक्सर कहते हैं कि भ्रष्टाचारी जेल में जाएंगे और कोई भी भ्रष्ट व्यक्ति नहीं बचेगा। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आपने भाजपा को भ्रष्ट नेताओं का डंपिंग ग्राउंड बना दिया है। आपने भ्रष्टाचार में डूबे कई लोगों को अपनी पार्टी में शामिल किया और उनका समर्थन भी किया।
संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की छवि को धक्का पहुंचाने वाला एक बड़ा मामला धुले जिले के सरकारी विश्रामगृह में सामने आया है। पूर्व विधायक गोटे द्वारा उजागर किए गए इस मामले में 21 मई की मध्यरात्रि को कमरे नंबर 102 से 1.85 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। बताया गया कि पहले ही 3 करोड़ रुपये वहां से निकाल लिए गए थे और 10 करोड़ रुपये जालना में पहुंचा दिए गए।
यह रकम अनुमान समिति के अध्यक्ष के निजी सहायक के कमरे से मिली थी और स्थानीय ठेकेदारों से ‘नजराना’ के रूप में 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी। इस मामले को शुरू से ही दबाने और दोषियों को बचाने की कोशिश की गई। जब जनता का आक्रोश बढ़ा, तो जांच के लिए एसआईटी गठित करने की औपचारिक घोषणा की गई। लेकिन अब तक यह पता नहीं चला कि उस एसआईटी का प्रमुख कौन है, सदस्य कौन हैं, या उन्होंने क्या काम किया।
संजय राउत ने इसे सिर्फ दिखावा बताया और कहा कि अब तो यह सामने आया है कि एसआईटी को किनारे कर सिर्फ एक मामूली, ‘अदखलपात्र’ मामला दर्ज किया गया और पूरी घटना को दबाने की कोशिश की गई। यह बेहद शर्मनाक है और यह दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कितनी गंभीर है।
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उन्होंने कहा कि यह भ्रष्ट लोगों को खुला संरक्षण देने का एक उदाहरण है। राउत ने कहा कि अगर राज्य में ऐसी ही स्थिति रहने वाली है, तो बेहतर होगा कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को ही खत्म कर दिया जाए और अर्जुन खोतकर को ‘महाराष्ट्र भूषण’, तथा उनके पीए किशोर पाटिल को ‘पद्मश्री’ देकर सम्मानित किया जाए।