हिंसक झड़प पर संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Assembly Clash : शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधान भवन में हुई हिंसक झड़प के मामले में भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की। संजय राउत ने आरोप लगाया कि गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को पार्टी (भाजपा में) में शामिल किया जा रहा है।
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपनी सरकार को भंग कर देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच गुरुवार को महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में हाथापाई हो गई थी। दोनों समूहों के एक-दूसरे पर हमला करने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें पीछे खींचने के वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र विधानसभा की गरिमा को तार-तार कर दिया गया है। महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार हुआ है, लोग हथियारों के साथ विधान भवन में घुस गए, अंदर गैंगवार किया और एक-दूसरे पर हमला करने की कोशिश की।”
संजय राउत ने कहा, “कल एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड की हत्या की एक गंभीर साजिश का पर्दाफाश हुआ। इन लोगों को किसने अंदर आने दिया? महाराष्ट्र अब राष्ट्रपति शासन के लिए उपयुक्त स्थिति है।”
VIDEO | Mumbai: Addressing a press conference, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut (@rautsanjay61) says, “The dignity of the Maharashtra Legislative Assembly has been destroyed under Devendra Fadnavis’s leadership. This is the first time something like this has happened in… pic.twitter.com/byhtafCr7B — Press Trust of India (@PTI_News) July 18, 2025
राउत ने कहा, “यह विधान भवन में एक ‘गैंगवार’ था। हत्या, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में शामिल या मकोका के तहत आरोपों का सामना कर रहे लोग वहां मौजूद थे।” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा अपनी पार्टी में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को रोजाना शामिल कर रही है। उन्होंने पूछा, “क्या यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की संस्कृति है? क्या आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को पार्टी में शामिल करना पार्टी की संस्कृति के अनुकूल है?”
उन्होंने कहा, “शिवसेना यूबीटी का मानना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए। यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद या चौंकाने वाला है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के लिए शर्मनाक भी है।” उन्होंने इस मामले में सीएम फडणवीस की आलोचना की और उन्हें राज्य की राजनीतिक संस्कृति की गरिमा बनाए रखने के उनके वादे की याद दिलाई।
संजय राउत ने कहा, “हर दिन महाराष्ट्र की छवि पर एक नया धब्बा लग रहा है। चाहे वह भ्रष्टाचार हो, अनैतिक व्यवहार हो या हनीट्रैप हो, विधायक द्वारा हमला हो या मंत्रियों के वीडियो हों।” उन्होंने दावा किया, “अगर महाराष्ट्र में कोई अन्य पार्टी सत्ता में होती, तो फडणवीस राज्य सरकार को भंग करने की मांग करते। अगर वह आत्ममंथन करें, तो उन्हें एहसास होगा कि उनकी सरकार को भंग करने की जरूरत है।”
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उन्होंने कहा, “मैं मांग करता हूं कि राज्यपाल, यदि वह वास्तव में कानून के संरक्षक हैं, तो गृह विभाग से रिपोर्ट मांगें और राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें।” राउत ने यह भी कहा कि सत्ताधारी गठबंधन विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं चाहता ताकि महत्वपूर्ण सवालों उठाए न जा सकें। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि विधान भवन में वाहनों में हथियार लाए गए थे और एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र अव्हाड पर हमला करने की साजिश थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)