नागपुर हिंसा पर बोले योगेश कदम (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोमवार को हिंसा भड़कने के बाद शहर के कई इलाकों में पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है। हिंसा मामले में विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है और सरकार और पुलिस इंटेलिजेंस पर सवाल उठाया है। नागपुर पुलिस ने नागपुर (महाराष्ट्र) हिंसा पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “पिछले 100 सालों से नागपुर में सभी समुदाय शांतिपूर्वक रह रहे हैं।”
उन्होने कहा, “यह पहली बार है कि वीएचपी और बजरंग दल ने आंदोलन शुरू किया और फिर अफवाह फैलने के बाद हिंसा भड़क उठी। अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए। यह जांच होनी चाहिए कि यह सब किसने शुरू किया।”
नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा, “नागपुर में हुई घटना बहुत गंभीर है। सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी स्तर के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हाथ उठाने की हिम्मत रखने वालों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
नागपुर हिंसा पर एनसीपी-एससीपी विधायक रोहित पवार ने कहा, “जब सीएम और डीसीएम ने कल एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया कि यह एक इंटेलिजेंस विफलता थी। अगर कुछ पूर्व नियोजित है और पुलिस को इसके बारे में पता नहीं है, तो यह एक इंटेलिजेंस विफलता है।
#WATCH | Mumbai: On Nagpur violence, NCP-SCP MLA Rohit Pawar says, “… When the CM and the DCM gave a statement yesterday, in which they indirectly accepted that it was an intelligence failure. If something is preplanned and the police do not know about it, then it is an… pic.twitter.com/r7EiAVUBua
— ANI (@ANI) March 19, 2025
रोहित पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नागपुर की हिंसा या तो यह एक खुफिया विफलता है, या अगर ऐसा है कि उन्होंने खुफिया जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की, तो इसका मतलब है कि उन्होंने हिंसा होने दी। अगर कोई भी हिंसा में शामिल है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी समुदाय से हो।”
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नागपुर हिंसा में करीब 100 वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। स्थिति नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया। इस दौरान 3 डीसीपी सहित 35 पुलिसकर्मी बुरी तरह जख्मी हो गए। समय पर स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया, अन्यथा पूरा महल परिसर जल उठता। स्थानीय युवकों का कहना है कि हम शिकायत देकर अपने धार्मिक विधि में लग गए थे। हिंसा करने वाले बाहरी लोग थे।