केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा करते महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ravindra Chavan Meet Amit Shah In Delhi: महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही हलचल तेज है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने बुधवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सीक्रेट मुलाकात की। इस मीटिंग में शाह को राज्य के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों और गठबंधन ‘महायुति’ में चल रही अंदरूनी खींचतान की जानकारी दी गई।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की है। चव्हाण ने बुधवार को देर रात राष्ट्रीय राजधानी में शाह के साथ यह बैठक की, और इस दौरान उन्होंने राज्य में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों की जानकारी दी।
चव्हाण का यह दौरा उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही आगामी निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर बातचीत कर चुके थे। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शाह को फडणवीस और शिंदे के बीच हुई चर्चा की संक्षिप्त जानकारी भी दी गई। निर्वाचन अधिकारियों ने अभी तक बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) समेत विभिन्न नगर निकायों के चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है, हालांकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, महाराष्ट्र में ये चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक संपन्न होने हैं।
महाराष्ट्र में इस समय सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन है, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। महायुति के स्थानीय निकाय चुनाव प्रभारी चंद्रशेखर बावनकुले ने जरूर दावा किया है कि तीनों घटक दल सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन 2 दिसंबर को हुए पिछले नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में कुछ चौंकाने वाले नतीजे सामने आए थे।
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सूत्रों के अनुसार, इन चुनावों में महायुति के घटक दलों को कुछ स्थानों पर एक-दूसरे से कड़ी टक्कर मिली। इससे भी बड़ी बात यह है कि कुछ क्षेत्रों में तो सत्तारूढ़ सहयोगियों के समर्थकों के बीच हाथापाई तक हो गई थी।
चव्हाण की शाह से देर रात की मुलाकात ने यह साफ कर दिया है कि गठबंधन के भीतर चल रहे इन तनावों और संघर्षों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व गंभीर है। शाह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आगामी BMC जैसे महत्वपूर्ण चुनावों में महायुति की आंतरिक दरारें बीजेपी के प्रदर्शन को नुकसान न पहुंचाएं। यह मुलाकात साफ संकेत देती है कि गठबंधन की चुनौतियों के बीच बीजेपी की केंद्रीय लीडरशिप अब खुद कमान संभाल रही है।