मुंबई यूनिवर्सिटी के सीनेट चुनाव में रश्मि, आदित्य और तेजस ठाकरे ने किया मतदान
मुंबई: मुंबई विश्वविद्यालय के पंजीकृत स्नातक समूह का सीनेट चुनाव में युवाओं का जोश देखने को मिला। इस मौके पर छात्र संगठनों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों में उत्साह का माहौल है। पंजीकृत स्नातक मतदाता वोट देने के लिए मुंबई के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में मतदान केंद्रों पर जाकर वोटिंग की। इसके साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे, आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे भी चेतना कॉलेज स्थित मतदान केंद्र पर गए और सीनेट चुनाव के लिए मतदान में अपने अधिकार का प्रयोग किया।
इस चुनाव में पहली बार मतदान कर रहे पंजीकृत स्नातक मतदाताओं के चेहरे पर उत्सुकता देखी गई। वे मतदान केंद्र के अधिकारियों से मतदान प्रक्रिया के बारे में भी पूछते नजर आए। मुंबई विश्वविद्यालय क्षेत्र में 38 मतदान केंद्रों और 64 बूथों पर 55 प्रतिशत वोट डाले गए। चुनाव के दौरान अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतदान केंद्र क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 27 सितंबर को मतगणना की जाएगी।
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पिछले दो वर्षों से विभिन्न छात्र संगठन मुंबई विश्वविद्यालय के पंजीकृत स्नातक समूह चुनाव का इंतजार कर रहे थे। इस चुनाव के लिए विभिन्न छात्र संगठनों और उनके उम्मीदवारों ने तैयारी की थी। मंगलवार को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक लोगों ने मतदान किया। छात्र संगठनों ने मतदान केंद्रों के आसपास मतदान सूचना कक्ष स्थापित किए थे।
इन मतदान सूचना कक्षों पर मतदाता सूची रखी गई थी और वरीयता क्रम के अनुसार मतदान कैसे करें? वास्तव में आपका उम्मीदवार कौन है? इस संबंध में छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी दी जा रही थी। छात्र संगठनों और उनसे जुड़े राजनीतिक दलों के नेता और पदाधिकारी मतदान सूचना कक्षों का दौरा कर रहे थे। इसी कारण कार्यकर्ताओं के उत्साह में संचार हो रहा था।
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पंजीकृत स्नातक मतदाता से भी मतदान केंद्र से बाहर आने के बाद अपनी फोटो और सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड कर मतदान करने का आग्रह किया गया था। कोई ऑफिस के काम से फुरसत लेकर तो कोई छुट्टी लेकर सीधे मतदान केंद्रों में आ रहे थे। वोटिंग के बाद मतदान केंद्र के बाहर मतदाता सेल्फी लेते नजर आए। केंद्र क्षेत्र में पंजीकृत स्नातक समूह सीनेट चुनाव को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं से चर्चा कर थे और जीत को लेकर अपना-अपना संभावना व्यक्त कर रहे थे।
मुंबई विश्वविद्यालय के पंजीकृत स्नातक समूह की सामान्य श्रेणी में 5 सीटों के लिए 15 उम्मीदवार, अनुसूचित जाति श्रेणी से 2, अनुसूचित जनजाति श्रेणी से 3, घुमंतू जनजाति श्रेणी से 3, अन्य पिछड़ा वर्ग से 3 वर्ग, महिला वर्ग से 2 चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे थे। 10 सीटों के लिए 28 उम्मीदवार मैदान में थे। 13 हजार 406 पंजीकृत स्नातक मतदाताओं में से 55 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। वोटिंग के बाद 28 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत बैलेट बॉक्स में कैद हो चुकी है।
युवा सेना (यूबीटी) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) प्रायोजित विश्वविद्यालय विकास मंच द्वारा सभी 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जबकि बहुजन विकास अघाड़ी (VASAI) से 4, छात्रभारती स्टूडेंट यूनियन से 1 और 3 लोग निर्दलीय चुनाव लड़ रहे। इस साल का चुनाव सीधे तौर पर युवा सेना और एबीवीपी के बीच है। निर्दलीय उम्मीदवारों के वोट भी निर्णायक होने की उम्मीद है।
मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। महाराष्ट्र छात्र संघ के अध्यक्ष सिद्धार्थ इंगले ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि शनिवार को दिए गए हाई कोर्ट के अंतरिम फैसले से चुनाव प्रक्रिया की अखंडता से समझौता होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया।
हर्षद भिड़े, प्रतीक नाईक, रोहन ठाकरे, पैगम्बर जयवंत, जयेश शेखावत, राजेंद्र साईगांवकर, निशा सवेरा, राकेश भुजबल, अजिंक्य जाधव और रेणुका ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रदीप सावंत, मिलिंद सातम, परम यादव, अल्पेश भोईर, किसन सावंत, स्नेहा गवली, शीतल शेठ, मयूर पांचाल, धनराज कोचड़े और शशिकांत जौरे डट कर मुकाबला कर रहे है।