राजेश अग्रवाल बने महाराष्ट्र के नए मुख्य सचिव, आधार से डिजिलॉकर तक केंद्र में निभाई है अहम भूमिका
Maharashtra New Chief Secretary: राज्य के मुख्य सचिव पद की ज़िम्मेदारी अब आईएएस अधिकारी राजेश अग्रवाल संभालेंगे। वर्तमान मुख्य सचिव राजेश कुमार मीणा 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके बाद 1 दिसंबर से राजेश अग्रवाल महाराष्ट्र के नए मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे। अग्रवाल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इससे पहले वे केंद्र सरकार में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के सचिव के पद पर कार्यरत थे।
राजेश कुमार मीणा को 30 जून 2025 तक मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था, लेकिन वे 30 नवंबर को सेवानिवृत्ति की आयु पूर्ण कर रहे हैं। उनके बाद यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राजेश अग्रवाल को सौंपी जाएगी।
सामान्य प्रशासन विभागाचे अपर मुख्य सचिव राजेश अग्रवाल यांची महाराष्ट्राचे नवे मुख्य सचिव म्हणून नियुक्ती करण्यात आली आहे. विद्यमान मुख्य सचिव राजेश कुमार हे येत्या ३० नोव्हेंबर रोजी सेवानिवृत्त होत असून राजेश अग्रवाल त्यांच्याकडून ३० नोव्हेंबर रोजी पदभार स्वीकारतील.… pic.twitter.com/IE7T0LSxJz — MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) November 28, 2025
राजेश अग्रवाल प्रशासनिक क्षेत्र में लंबे अनुभव के साथ-साथ आधुनिक तकनीक के उपयोग के लिए भी जाने जाते हैं। अत्याधुनिक तकनीक, वित्तीय सुधारों और सामाजिक कल्याण योजनाओं में उनका योगदान उन्हें देश के अग्रणी और प्रगतिशील प्रशासकों में शामिल करता है।
राजेश अग्रवाल ने आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया। प्रशासनिक सेवा में आने के बाद भी उन्होंने लगातार यह सुनिश्चित किया कि शासन व्यवस्था में तकनीक का उपयोग अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके।
महाराष्ट्र कैडर में नियुक्ति के बाद अग्रवाल ने कई अहम पदों पर काम किया:
केंद्र सरकार में रहते हुए अग्रवाल को आधार, जनधन योजना, डिजिलॉकर और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों से जुड़े कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली। सामाजिक न्याय से संबंधित योजनाओं में भी उन्होंने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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मुख्य सचिव बनने से पहले वे दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव थे, जहाँ दिव्यांग नागरिकों के लिए नीतियों और सुविधाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में उनके प्रयासों की व्यापक सराहना की गई। अब 1 दिसंबर 2025 से महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति से उम्मीद है कि डिजिटल प्रशासन, पारदर्शिता और कुशल शासन को नई दिशा मिलेगी। तकनीक-उन्मुख सोच, ज़मीनी कार्यशैली और राज्य एवं केंद्र स्तर का अनुभव महाराष्ट्र प्रशासन को और सशक्त बनाएगा।