राज और उद्धव ठाकरे (सौजन्य-IANS)
Raj Thackeray meeting Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार की शाम एक बड़े घटनाक्रम की गवाह बनी। मनपा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के तुरंत बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलने उनके निवास स्थान ‘मातोश्री’ पहुंचे।
इस मुलाकात ने न केवल सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि आगामी 15 जनवरी को होने वाले चुनावों के लिए विपक्षी गठबंधन की मजबूती का संकेत भी दिया है।
माना जा रहा है कि दोनों भाइयों के बीच यह मुलाकात नामांकन के बाद उपजी तकनीकी दिक्कतों और सीट बंटवारे की अंतिम पेचीदगियों को सुलझाने के लिए हुई थी। मुंबई सहित राज्य की 29 नगर पालिकाओं में 15 जनवरी को मतदान होना है, जिसके नतीजे अगले ही दिन 16 जनवरी को घोषित किए जाएंगे। मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मनसे और शिवसेना (यूबीटी) इस बार कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ रहे हैं।
मुंबई महानगरपालिका (BMC) के इस महामुकाबले में केवल ठाकरे भाई ही साथ नहीं हैं, बल्कि उन्होंने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के साथ भी औपचारिक गठबंधन किया है। नामांकन खत्म होने के बाद जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक शिवसेना (यूबीटी) सबसे बड़े भाई की भूमिका में है।
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हालांकि गठबंधन की ओर से सीटों के बंटवारे का कोई आधिकारिक श्वेत पत्र जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों और चुनावी रिपोर्टों के अनुसार सीटों का गणित इस प्रकार है:
शिवसेना (यूबीटी): 153 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे): 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
राकांपा (शरदचंद्र पवार): 11 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राज और उद्धव ठाकरे का साथ आना सत्ताधारी गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। नामांकन के बाद अब दोनों नेताओं का पूरा ध्यान चुनाव प्रचार और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बिठाने पर है। ‘मातोश्री’ की इस बैठक के बाद अब यह साफ हो गया है कि मुंबई के रण में ‘ठाकरे ब्रांड’ एकजुट होकर उतरने को तैयार है।