धारावी के पुनर्वसन का रास्ता साफ। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: लगभग 600 एकड़ में फैली एवं 10 लाख की आबादी वाली एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्वसन का रास्ता अब साफ हो गया है। धारावी के पुनर्वसन के लिए कटिबद्ध नजर आ रही महाराष्ट्र की महायुति सरकार तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए कुर्ला में स्थित मदर डेयरी (डेयरी विकास विभाग) की 8.5 हेक्टेयर जमीन धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए हस्तांतरित करेगी। इसके लिए पूर्व निर्धारित समझौते की शर्तों में सरकार संशोधन करेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में संशोधन करने के निर्णय को मंजूरी मिल गई है।
सरकारी ज्ञापन दिनांक 14 जून 2024 के अनुसार, डेयरी विकास विभाग की कुर्ला स्थित मदर डेयरी की भूमि धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए प्रदान की गई है। इस परियोजना के नियोजन प्राधिकरण के रूप में, यह भूमि धारावी पुनर्विकास परियोजना-झोपड़ी पुनर्वास प्राधिकरण को कुछ शर्तों पर प्रदान की गई है। इस परियोजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए, इस ज्ञापन में नियम और शर्तों और मुंबई उपनगर के जिला कलेक्टर के मसौदा समझौते को आवास और शहरी विकास विभाग की नीति के अनुरूप बनाने के लिए मंजूरी दी गई। ताकि धारावी के निवासियों के पुनर्वास के लिए अधिकतम घर उपलब्ध हो सकें।
धारावी पुनर्विकास में साढ़े आठ लाख परिवारों का पुनर्वास किया जाना है। इनमें से पांच लाख पात्र परिवारों का पुनर्वास धारावी क्षेत्र में किया जाएगा। शेष साढ़े तीन लाख परिवारों के पुनर्वास के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता है। कुर्ला में भूमि उपलब्ध होने से कुछ और परिवारों का पुनर्वास करना आसान हो जाएगा। मंगलवार को लिए गए कैबिनेट के निर्णय से धारावी में अपात्र नागरिकों के पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त होगा। सभी के लिए आवास की नीति का पालन करने में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है और इससे न केवल घरों के निर्माण में सुविधा होगी, बल्कि स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी अन्य नागरिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) का मास्टर प्लान राज्य सरकार ने मंजूर किया है। यह परियोजना क्लस्टर-आधारित विकास तकनीकी पर केंद्रित है, जिसमें कॉम्पैक्ट पड़ोस होंगे। प्रत्येक क्लस्टर में आवासीय, वाणिज्यिक और सामाजिक सुविधाएं पैदल दूरी पर होंगी। इसमें खेल के मैदान, बच्चों के लिए स्थान, खुले क्षेत्र और छोटे उद्योगों के लिए सुविधाएं शामिल होंगी। धारावी की गलियां क्लस्टर बेस्ड विकास से दुरुस्त होंगी।
प्लान में 21 किमी का नया सड़क नेटवर्क प्रस्तावित है, जिसमें हर 125 मीटर पर 9 से 36 मीटर चौड़ी सड़कें होंगी। मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब (एमएमटीएच) मेट्रो, ट्रेन, बस और गैर-मोटर चालित परिवहन को जोड़ेगा। हब में कार्यालय, दुकानें, रेस्तरां और होटल होंगे, जहां यात्री उड़ानों के लिए चेक-इन और सामान जमा कर सकेंगे। औद्योगिक इकाइयों को नई परियोजना में स्थान मिलेगा।
पर्यावरण के दृष्टिकोण से संवेदनशील मानी जा रही कुर्ला के नेहरू नगर स्थित मदर डेयरी की जमीन धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए दिए जाने का स्थानीय लोग भारी विरोध कर रहे हैं। लेकिन फडणवीस कैबिनेट ने मंगलवार को पीएम के सबसे अच्छे दोस्त के हित में सौंपने का मार्ग और आसान बना दिया। यह हरा-भरा इलाका- जिसमें 1,000 से ज़्यादा बहुमूल्य पेड़ हैं- पर्यावरण के लिहाज से बेहद अहम है।
नेहरू नगर के निवासियों ने पेड़ों को संरक्षित करने और जमीन को सार्वजनिक उद्यान के तौर पर आरक्षित करने की मांग करते हुए एक बड़ा जन आंदोलन शुरू किया है। लेकिन, जैसा कि उन्होंने आरे के साथ किया, सरकार अडानी के लालच को पूरा करने के लिए इस हरे-भरे इलाके को बेरहमी से नष्ट करना चाहती है।
सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि कांग्रेस जनता की भावनाओं और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की अनदेखी करते हुए, इसने पहले अदानी के हित के लिए जबरन जमीन आवंटित की। जब @INCIndia और स्थानीय नागरिक विरोध में सड़कों पर उतरे, तो सरकार ने पुलिस बल का इस्तेमाल किया, असहमति को दबाने की कोशिश की और जबरन जमीन का सीमांकन आगे बढ़ाया।
अब, एक नए विश्वासघात में, राज्य मंत्रिमंडल ने भूमि को उप-पट्टे पर देने को मंजूरी दे दी है – एक और कदम जो अडानी को लाभ पहुंचाता है। यह स्पष्ट रूप से अदानी की, अदानी के लिए और अदानी द्वारा बनाई गई सरकार है, जो अदानी के लाभ के लिए मुंबईकरों के अधिकार, भूमि और भविष्य को बेचने के लिए तैयार है। यह शर्मनाक है!