महायुति (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: महाराष्ट्र में 29 महानगरपालिकाओं में चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसको देखते हुए विभिन्न पार्टी में आयाराम व गयाराम पर घमासान मच गया है। हालात ऐसे हैं कि गठबंधन में शामिल दल भी एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
इस वजह से तलवारें सभी तरफ से निकल गई हैं, जिससे एक दूसरे पर खुल कर वार किया जा रहा है। गुरुवार को नाशिक में बीजेपी में दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करने पर विद्रोह के स्वर सुनाई दिए।
कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने ऑपरेशन लोटस के तहत यूबीटी के पूर्व मेयर विनायक पांडे, मनसे के पूर्व मेयर यतिन वाघ के अलावा कांग्रेस लीडर शाहू खैरे, मनसे के पूर्व विधायक नितिन भोसले और स्थानीय नेता दिनकर पाटिल को बीजेपी में शामिल कर लिया। खास बात यह है कि पाटिल लगातार बीजेपी के विरोधी रहे हैं, लेकिन अब वे भाजपाई हो गए हैं।
पुणे में महायुति में शामिल बीजेपी व अजीत पवार की राका में भी नेताओं को तोड़ने पर ठनी है। बीजेपी के ऑपरेशन लोटस को लेकर अजीत चिढ़े हुए है। बीजेपी में गए नेताओं की सूची में राका के पूर्व मेयर, उप मेयर और स्थायी समिति के अध्यक्ष शामिल हैं।
अजीत गुट का कहना है कि हमारे सीनियर नेताओं ने मुंबई में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और तय हुआ था कि महायुति के सहयोगी एक-दूसरे के नेताओं को नहीं तोड़ेंगे, लेकिन इसके बावजूद, अगले ही दिन बीजेपी ने पुणे में हमारे नेताओं को तोड़ अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।
अजीत और पवार गुट के बीच गठबंधन का पेंच चुनाव चिन्ह को लेकर फंसा है। अजीत गुट चाहता है कि शरद पवार गुट के उम्मीदवार भी घड़ी चिन्ह पर चुनाव लड़ें, जबकि शरद गुट का कहना है कि वे अपने तुतारी चिन्ह पर लड़ेंगे। उनका मानना है कि अगर वे घड़ी चिन्ह के साथ लड़ते हैं तो उनकी स्वतंत्र पहचान खत्म हो जाएगी।
पुणे व पिपरी चिंचवड में बीजेपी की बढ़ती घुसपैठ को रोकने के लिए अब अजीत अपने चाचा शरद पवार को साथ लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है लेकिन अभी तक दोनों गुटों में पूरी सहमति नहीं बन पाई है।
पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इस गठबंधन को फाइनल करने से पहले हमें अपने सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेना होगा। पुणे व पिपरी चिंचवड में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए अजीत अपने चाचा के अलावा अंदरूनी रूप से कांग्रेस से भी हाथ मिलाने की तैयारी में है।
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नाशिक में मनपा चुनाव के लिए बीजेपी की प्रभारी व विधायक देवयानी फरांदे पार्टी में यूबीटी व मनसे नेताओं को शामिल करने के खिलाफ थी लेकिन महाजन ने अपनी ताकत दिखाते हुए इन्हें शामिल कर लिया। इस बारे में बात करते हुए देवयानी भावुक हो गई और उनकी आंखों से आंसू छलक उठे।
उन्होंने कहा कि मैं एक बहुत ही आम कार्यकर्ता हूं। अगर मेरी आंखों के सामने समर्पित कार्यकर्ताओं की कुर्बानी दी जा रही है, तो मुझे यह सहीं नहीं लगता। जो लोग पार्टी में शामिल हुए है, मैं बतौर सीनियर नेता वेलकम करती हूं लेकिन जो हुआ, वह मुझे पसंद नहीं आया है।