शरद पवार और अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: राकां अध्यक्ष शरद पवार की पहचान एक ऐसे नेता की है जो अपने फैसलों से सभी को चौंका देते हैं। शिवसेना के साथ हाथ मिलाकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास आघाड़ी सरकार का गठन इसका एक बड़ा उदाहरण है। वहीं अब बड़े पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के साथ एक बार फिर आने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि राकां के दोनों गुट एक साथ आ जाएं तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी, क्योंकि शुरुआत से हमारे विचार एक जैसे रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे में अगली पीढ़ी के नेता सुप्रिया सुले और अजित पवार को मिलकर फैसला लेना होगा। बड़े पवार ने इस तरह का बयान देकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े धमाके के संकेत दिए हैं। उन्होंने यह बड़ा खुलासा एक मीडिया संस्थान से हुई अनौपचारिक बातचीत में किया है। साल 2023 में अजित करीब 40 समर्थक विधायकों के साथ अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए अलग हो गए थे। फिलहाल वे बीजेपी की अगुवाई में बनी महायुति सरकार में शामिल हैं और अजित डिप्टी सीएम हैं।
पवार ने कहा कि मैं राकां के दोनों पक्षों के एक होने पर फैसला लेने की प्रक्रिया से बाहर हूं। उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला अगली पीढ़ी को लेना है। ऐसे में सुप्रिया व अजित की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के अंदर 2 विचार हैं। एक धड़ा चाहता है कि हम फिर से एकजुट हो जाएं। दूसरा धड़ा सीधे या परोक्ष रूप से बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहता।
वर्तमान में अजित गुट बीजेपी की अगुवाई में बनी महायुति सरकार में शामिल है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि अगर दोनों गुट एक होते हैं तो क्या शरद पवार गुट बीजेपी की सरकार में शामिल होने के लिए तैयार होगा। शरद पवार का गुट हमेशा से बीजेपी के हिंदुत्व वाली राजनीति के खिलाफ रही है। ऐसे में यह मिलन आसान भी नहीं है।
बड़े पवार (शरद पवार) ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए गठित विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन आज सक्रिय नहीं है। ऐसे में हमें अपनी पार्टी को फिर से संगठित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। नए और युवा नेताओं को ज्यादा मौके देने होंगे। हालांकि, पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सोच विपक्ष में काम करने की है। हमें बीजेपी के एक मजबूत विकल्प के रूप में अपनी पार्टी को तैयार करना होगा।
हाल के दिनों में अपने भतीजे अजित पवार के साथ कई मुलाकातों के बारे में शरद पवार ने कहा कि ये राजनीतिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये मुलाकातें शिक्षण संस्थानों से जुड़ी है। हम इस बारे में आगे भी मिलते रहेंगे।