अजित पवार व शरद पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के रिश्तों को लेकर लंबे समय से चर्चाएँ होती रही हैं। अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की तारीफ कर सियासी गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है। जूनियर पवार ने रविवार को कहा कि वे खुद को भले ही बरामती का सबसे अच्छा विधायक मानते हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपने काम की तुलना ‘साहेब’ से नहीं की, क्योंकि शरद पवार की भूमिका राष्ट्रीय स्तर की रही है।
अजित पवार ने कहा, ‘जब मैं 1991 में विधायक बना, तब मुझे पता था कि मेरे काम की तुलना साहेब से की जाएगी। लेकिन उनकी कार्यशैली बेजोड़ रही है। मैं अक्सर कहता हूं कि बरामती को शायद ही कभी ऐसा विधायक मिले, जो सुबह 6 बजे से काम शुरू करता हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं पूर्व विधायक की आलोचना कर रहा हूं, क्योंकि उनके पास राज्य और राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारियां थीं।’
अजित पवार रविवार को बरामती कोऑपरेटिव बैंक की वार्षिक आमसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बरामती की प्रगति में शरद पवार का योगदान अनमोल रहा है। इससे पहले अजित पवार ने बरामती कृषि उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी) के एक कार्यक्रम में पुलिस को सख्त निर्देश दिए कि रात में बाजार परिसर में शराब पीने और धारदार हथियार लेकर घूमने वाले गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, ‘पुलिस को इनके खिलाफ केस दर्ज करने चाहिए और जब इनके ऊपर चार मामले दर्ज हो जाएं, तो चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों, उनके खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे आपराधिक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
अजित पवार ने इससे पहले शुक्रवार को मजाकिया अंदाज में कहा कि उनके पुराने और मौजूदा व्यक्तित्व में बड़ा अंतर है और उम्र बढ़ने के साथ वे परिपक्व हुए हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘क्या आप जानते हैं, पुराने अजित पवार और आज के अजित पवार में काफी फर्क है। उम्र बढ़ने के साथ बदलाव जरूरी होता है। पहले अगर हमसे गलती होती थी, तो साहेब (शरद पवार) उसे संभाल लेते थे, लेकिन अब अपनी गलतियां हमें खुद ही संभालनी पड़ती हैं।’
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66 वर्षीय नेता ने यह बात हंसी-ठिठोली के अंदाज में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक कार्यक्रम में कही। बता दें कि जुलाई 2023 में एनसीपी का विभाजन हुआ था। अजित पवार और कई विधायक उस समय शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ का चुनाव चिह्न दिया, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी (एसपी) नाम मिला। आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर अजित पवार ने कहा कि टिकट उन्हीं को दिए जाएंगे जिनमें योग्यता होगी। नए चेहरे को भी मौका मिलेगा।