शरद पवार और देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: नागपुर-गोवा शक्तिपीठ हाईवे महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। हालांकि, कोल्हापुर, धाराशिव और सोलापुर इलाके के किसानों ने इस हाईवे का तीव्र विरोध किया था। इसके चलते विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में इस परियोजना को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया था। लेकिन विधानसभा में बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हाईवे के कार्य को पुनः गति देते हुए हरी झंडी दिखाई।
इसके तहत मंत्रिमंडल बैठक में शक्तिपीठ हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण के दृष्टिगत 20 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था मंजूर की गई। इस निर्णय के बाद राज्य का राजनीतिक माहौल फिर से गरमाने लगा है, कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने इस परियोजना की कड़ी आलोचना की है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अगर इस मामले में कोई राजनीति करेगा तो उसे ‘याद रखना’ होगा।
इस बयान के बाद राकां के अध्यक्ष शरद पवार ने फडणवीस को करारा जवाब दिया। पवार ने कहा कि शक्तिपीठ हाईवे के मुद्दे को वह समझना चाहते हैं। वे कोल्हापुर के लोगों से बातचीत करेंगे। उसके बाद अगर राज्य सरकार हमें इस विषय में जानकारी देने की तैयारी दिखाएगी तो वह भी समझने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीएम फडणवीस की धमकियों की वजह से उनकी नींद उड़ गई है। ‘याद रखना’ वाले इशारे पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘अब हम कैसे रहेंगे? इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।
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शरद पवार ने आगे कहा कि वह पहले यह समझेंगे कि यह परियोजना क्या है और इसकी जरूरत है या नहीं। अगर सरकार हमें जानकारी देगी तो वह उसे भी समझेंगे। उस इलाके में किसानों की जमीन ली जा रही है, वहां के जनप्रतिनिधियों की राय और आग्रह को समझना जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह विरोध के लिए विरोध नहीं करेंगे।