सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Mumbai News: शहर में पिछले कई दिनों से सड़कों के किनारे कचरा पड़ा हुआ है, इससे जहां नागरिकों को आवागमन में परेशानी हो रही है, वहीं इससे शहर में संक्रमित बीमारियां भी अपना पैर पसार रही हैं. सड़कों पर पड़े हुए कचरे को न उठाए जाने से अब यह डंपिंग ग्राउंड का रूप ले लिया है. वहीं मनपा प्रशासन मुंब्रा शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर से अनजान है. जिससे स्वच्छ भारत अभियान यहां पूरी तरह फेल हो गया है.
मनपा – प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर मुंबा वासियों में रोष व्याप्त है. मुंब्रा स्टेशन से लेकर शील फाटा परिसर तक सड़क के किनारे कचरा पसरा हुआ है. जिसमें सबसे अधिक कचरा मित्तल मैदान के पास – जमा है. जिसे मिनी डंपिंग ग्राउंड कहा जा सकता – है. इसके साथ ही ठाकुर पाड़ा, कौसा मार्केट, मेक – कंपनी, भारत गेयर खड़ीं रोड सहित समूचे मुंब्रा शहर में कचरे से स्थिति भयावह है.
इस कचरे को लेकर की राजनीतिक पार्टियों द्वारा विरोध आंदोलन भी किए गए, लेकिन नतीजा सिफर रहा. मालूम हो कि दीपावली आने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में लगता है कि कचरे से त्योहार का स्वागत होगा. जगह-जगह बजबजा रहे इस कचरे के ढेर के कारण मलेरिया और डेंगू के साथ वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. जिससे लोग दहशत में हैं. कीटनाशक तथा मच्छररोधी दवाओं का उपयोग सही वक्त पर नहीं करने से परेशानी बढ़ रही है. शहरवासियों ने आग्रह किया है कि समय समय पर मच्छररोधी धुआं छोड़ा जाए, इसके साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाये.
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66 मुद्रा – कौसा में कचरे का अंबार लगा हुआ है. सड़क के किनारे पड़े इस बदबूदार कचरे के कारण संक्रमित बीमारियां बढ़ रही है. जिसकी चपेट में बच्चे आ रहे हैं. मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. धुआं मारने वाला विभाग गायब है. मनपा करोड़ों रुपए का बिल कचरा उठाने के लिए देती है. लेकिन जब से प्राइवेटाइजेशन हुआ है, तब से समस्या और जटिल हो गई है. ये लोग कचरा उठाते ही नहीं है, जिससे यहां कचरे का ढेर लगा हुआ है. आखिर मुद्रा में कब आएंगे अच्छे दिन, मनपा प्रशासन को नागरिकों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए.