भारतीय शादी सीजन (सौ. सोशल मीडिया )
Marriage Shopping In Mumbai: नवरात्रि-दिवाली के त्योहारी सीजन में जोरदार व्यापार से उत्साहित मुंबई सहित देश भर के व्यापारी अब शादियों के आगामी सीजन में बड़े व्यापार की उम्मीद के साथ तैयारियों में जुट गए हैं।
शादियों का सीजन देवउठनी एकादशी यानी एक नवंबर से शुरू हो रहा है, जो 14 दिसंबर तक चलेगा, व्यापार महासंघ ‘कैट’ द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, शादियों के सीजन में रिटेल क्षेत्र, जिसमें सामान और सेवाएं दोनों शामिल हैं, जिसमें लगभग 6।50 लाख करोड़ रुपए (6।50 ट्रिलियन रुपये) का व्यापार करने की उम्मीद है, जो कि अनुमानित 46 लाख शादियों के चलते होगा।
पिछले साल इस सीजन में 48 लाख शादियों से कुल 5।90 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था। इस वर्ष शादी की सीजन में सिर्फ मुंबई एमएमआर में 2 लाख 90 हजार शादियों से 1।20 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है।
‘कैट’ के राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि यह व्यापक अध्ययन 15 से 25 अक्टूबर 2025 के बीच देश के 75 प्रमुख शहरों में किया गया था। अध्ययन से पता चला कि भारत की ‘वेडिंग इकोनॉमी’ घरेलू व्यापार का एक मजबूत स्तंभ बनी हुई है, जो परंपरा, आधुनिकता और आत्मनिर्भरता का संगम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल‘ विज्ञन के अनुरूप। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शादियों की संख्या लगभग पिछले वर्ष के बराबर है, लेकिन प्रति शादी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसका कारण बढ़ती आय, कीमती धातुओं की कीमतों में वृद्धि और त्योहारी सीजन में उपभोक्ता विश्वास का बढ़ना है। अब शादी से जुड़े 70% से अधिक सामान भारतीय निर्मित हैं। कैट के ‘वोकल फॉर लोकल वेडिंग्स’ अभियान ने चाइनीज लाइटिंग, कृत्रिम सजावट और गिफ्ट एक्सेसरीज जैसे आयातित उत्पादों की मौजूदगी को काफी घटा दिया है।
खंडेलवाल ने बताया कि 6.5 ट्रिलियन रुपये के अनुमानित शादी खर्च में से वस्त्र एवं साड़ियां 10%, आभूषण 15%, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स 5%। सूखे मेवे व मिठाई 5%, किराना व सब्जियां 5%, गिफ्ट आइटम 4%, अन्य सामान 6% हिस्सा लेंगे, वहीं सेवाओं के क्षेत्र में इवेंट मैनेजमेंट 5%, कैटरिंग 10%, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी 2%, यात्रा व आतिथ्य 3%, पुष्प सजावट 4%, म्यूजिकल ग्रुप्स 3%। लाइट एंड साउंड 3% तथा अन्य सेवाएं 3% योगदान देगी।
महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने कहा कि शादी सीजन 2025 से एक करोड़ से अधिक अस्थायी और अंशकालिक रोजगार सृजित होने की संभावना है, जिससे डेकोरेटर, कैटरर, फ्लोरिस्ट, कलाकार, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लोग सीधे लाभान्वित होंगे। वस्त्र, ज्वैलरी, हैडीक्राफ्ट, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे एमएसएमई क्षेत्रों को भी मौसमी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत की ‘सनातन अर्थव्यवस्था’ और मजबूत होगी।
ये भी पढ़ें :- Mumbai Property Market की रफ्तार घटी, रजिस्ट्रेशन में 15% की गिरावट
महासंघ का अनुमान है कि यह 45 दिवसीय शादी सीजन सरकार को लगभग 75,000 करोड़ रुपये का टैक्स राजस्व (जीएसटी आदि) प्रदान करेगा। भारतीय वैडिंग इकोनॉमी देश का सबसे बड़ा असंगठित किंतु प्रभावशाली क्षेत्र है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में खपत को गति देता है।