
मुंबई में प्रदर्शन करते युवा कांग्रेस कार्यकर्ता (सोर्स: एक्स@INCMaharashtra)
Mumbai Youth Congress Protest On Satara Doctor Suicide Case: मुंबई युवा कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने फलटण में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से तफ्तीश कराने की मांग को लेकर सोमवार को यहां प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ की ओर बढ़ रहे 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया।
सोमवार को मुंबई युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तीन अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। ये स्थल थे नरीमन प्वाइंट, मरीन ड्राइव और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ के बाहर। इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुंबई युवा कांग्रेस प्रमुख जीनत शबरीन, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब और प्रदेश पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत सहित अन्य नेताओं ने किया।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास ‘वर्षा’ की ओर बढ़ रहे 200 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर आजाद मैदान पुलिस थाने ले जाया गया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने मालाबार हिल और गिरगांव इलाकों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था।
स्व.डॉ. संपदा मुंडे यांना न्याय मिळवून देण्यासाठी युवक काँग्रेस रस्त्यावर.
मुंडे कुटुंबीयांवर झालेल्या अन्यायाविरुद्ध आवाज उठवण्यासाठी मुख्यमंत्री निवासस्थानी घेराव घालण्याचा प्रयत्न करणाऱ्या युवक काँग्रेसच्या कार्यकर्त्यांच्या विरोधात फडणवीस सरकारला पोलीस बळाचा वापर करावा लागला. pic.twitter.com/Ra5Q9tiYrU — Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) November 10, 2025
प्रदेश पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी आत्महत्या के इस गंभीर मामले में एसआईटी जांच की मांग कर रही है और मृतक डॉक्टर के परिवार को न्याय दिलाने के लिए उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
यह पूरा मामला सतारा जिले से जुड़ा है। बीड की रहने वाली और सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में तैनात 28 वर्षीय डॉक्टर 23 अक्टूबर को फलटण कस्बे में एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी हुई पाई गई थीं। यह आत्महत्या का मामला तब और गंभीर हो गया, जब उनकी हथेली पर लिखे एक ‘सुसाइड नोट’ में दो व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए गए।
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सुसाइड नोट में डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि पुलिस उप-निरीक्षक (एसआई) गोपाल बदाने ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर ने उनका मानसिक उत्पीड़न किया था।
इन गंभीर आरोपों के सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। एसआई गोपाल बदाने और इंजीनियर प्रशांत बनकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद, पुलिस विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए एसआई गोपाल बदाने को पुलिस बल से बर्खास्त कर दिया।
हालांकि, कांग्रेस का मानना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन अनिवार्य है ताकि डॉक्टर के परिवार को सही मायने में न्याय मिल सके।






