मैंग्रोव वन पार्क (pic credit; social media)
Maharashtra News: महानगर और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से घटते मैंग्रोव वनों को बचाने और पर्यटन को नया आयाम देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गोराई में देश का पहला मैंग्रोव वन पार्क लगभग तैयार हो चुका है और अब सरकार ने दहिसर, भांडुप और माहुल में भी ऐसे ही मैंग्रोव वन पार्क बनाने का निर्णय लिया है।
इन पार्कों को खासतौर पर इस तरह विकसित किया जाएगा कि लोग मैंग्रोव वनों की अनूठी जैव विविधता और तटीय पारिस्थितिकी को नजदीक से देख और समझ सकें। इसके लिए मैंग्रोव सफारी, बर्ड वॉचिंग टावर, ग्लास ब्रिज और अन्य पर्यटक आकर्षण शामिल किए जाएंगे। यहां आने वाले लोग पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों को करीब से देख सकेंगे और साथ ही प्राकृतिक तंत्र के महत्व को भी समझ पाएंगे।
गोराई मैंग्रोव वन पार्क का निर्माण लगभग 19.76 एकड़ क्षेत्र में किया गया है और इसकी लागत करीब 33.43 करोड़ रुपये आई है। पार्क में एक प्रकृति व्याख्यान केंद्र, मैंग्रोव ट्रेल, पक्षी प्रयोगशाला और 800 मीटर लंबा पैदल मार्ग बनाया गया है। यह मार्ग सीधे मैंग्रोव क्षेत्र के बीच से होकर गुजरता है ताकि पर्यटक प्रकृति का असली अनुभव ले सकें। पार्क का काम अंतिम चरण में है और इसके जल्द खुलने की उम्मीद है।
राज्य सरकार के मुताबिक, मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ते प्रदूषण, औद्योगीकरण और अतिक्रमण से मैंग्रोव वनों का क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। इसी खतरे को देखते हुए साल 2013 में सरकारी भूमि पर स्थित मैंग्रोव क्षेत्रों को आरक्षित वन का दर्जा दिया गया और 2014 में इन पर विशेष नियंत्रण रखने के लिए अलग इकाइयां बनाई गईं। अब इस पहल को और मजबूत करने के लिए दहिसर, भांडुप और माहुल में नए पार्क बनाए जाएंगे।
मैंग्रोव वन विभाग ने बताया कि तटीय इलाकों में वृक्षारोपण के लिए नर्सरियां भी तैयार की गई हैं और अवैध अतिक्रमणों पर रोक लगाने के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। सरकार का मानना है कि यह कदम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कारगर होगा बल्कि मुंबईवासियों के लिए पर्यटन और मनोरंजन का नया ठिकाना भी बनेगा।