हाई-राइज बिल्डिंग (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai High-Rise Building Fire Safety News: मुंबई महानगर, ठाणे शहर सहित आस-पास के इलाकों में गगनचुंबी इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। शहर की पुरानी इमारतों का पुनर्विकास किया जा रहा है। जिसमें बड़ी-बड़ी लिफ्ट लगाई जा रही हैं। लेकिन आग संबंधी सुरक्षा को लेकर इंतजाम नहीं है।
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे और अन्य शहरी क्षेत्रों में कई पुरानी इमारतें अभी भी महाराष्ट्र फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ सेफ्टी मेजर्स एक्ट में वर्णित आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती हैं। इस अधिनियम के तहत कार्यरत फायर फाइटिंग लिफ्ट, अलार्म सिस्टम, निर्धारित रिफ्यूज एरिया और छमाही सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य हैं।
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पिछले कुछ वर्षों में ठाणे में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं। जांच में पाया गया कि हाई-राइज में फायर इवैक्यूएशन लिपट अनिवार्य किए जाने के बावजूद उचित निकासी प्रणाली मौजूद नहीं है।
फायर सेफ़्टी और इवैक्यूएशन विशेषज्ञ डॉ। दीपक मोगा ने कहा कि मुंबई देश में सबसे अधिक हाई-राइज इमारतों वाला शहर है, फिर भी कई इमारतों में पर्याप्त फायर-इवैक्यूएशन लिफ्ट उपलब्ध नहीं हैं। जैसे-जैसे लिफ्ट इंस्टॉलेशन बढ़ रहे हैं, उचित मेंटेनेंस, ऑडिट और सुरक्षित निकासी प्रणालियां सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। अपर्याप्त प्रणाली कोई तकनीकी कमी नहीं, बल्कि यह जीवन के लिए खतरा है।
इवैक्यूएशन के लिए बिल्डिंग कोड का पालन करते हुए फायर-रेनिसस्टेंट स्ट्रक्चर, स्वचालित संधिकलर, फायर अलार्म, और धुएं को रोकने वाली प्रणालियों जैसी सक्रिय तकनीक जरूरी है। आपातकाल के दौरान, लिपट का उपयोग करने की बजाय हमेशा निर्धारित निकास मार्गों (सीदियों) से बाहर निकलने की सुविधा होनी चाहिए। आग के जोखिम को कम करने के लिए बिल्डिंग मटेरियल को फायर-प्रूफ होना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि फायर सुरक्षा ऑडिट के सख्त अनुपालन होना चाहिए, साथ ही सभी पात्र हाई-राइज इमारतों में फायर इवैक्यूएशन लिफ्ट अनिवार्य होना चाहिए। बैकअप पावर और फायर-रेटेड केबिन जैसी स्मार्ट लिपट तकनीक अपनाना जरूरी है।