रवींद्र वायकर (फाइल फोटो)
मुंबई: रवींद्र वायकर को मुंबई पुलिस ने जोगेश्वरी प्लॉट घोटाले मामले में क्लीन चीट दे दी है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध विंग ने मामले से जुड़ी समरी रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि गलतफहमी के कारण मुंबई नगर निगम ने यह मामला दर्ज किया था। इसलिए रवींद्र वायकर पर लगे सभी आरोप वापस लिए जाते हैं।
मामले से जुड़ी समरी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई नगर निगम द्वारा किसी चुक के कारण शिकायत दर्ज की गई। इस शिकायत में रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी मनिषा और उनके पार्टनर आसु नेहलानी, राज लालचंदानी, प्रिथपाल बिंद्रा और आर्किटेक्ट अरुण दुबे का नाम है।
मुबई के जोगेश्वरी इलाके में 13 हजार 674 वर्ग फुट का प्लॉट मुंबई नगर निगम के सामित्व में है। यह भूखंड मैदान और अस्पताल के लिए आरक्षित था। इस प्लॉट की कीमत करीब 500 करोड़ रुपये है। आरोप है कि रवींद्र वायकर ने इस आरक्षित पर 5 स्टार होटल बनाया है।वायकर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इस निर्मान के लिए मुंबई नगर निगम परमिशन नहीं ली थी। इस मामले में वायकर से पुछताछ की जा रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि शिवसेना दो गुटों में बटने से पहले रवींद्र वायकर उद्धव ठाकरे के करिबी सहयोगी थे। बाद में शिंदे गुट में शामिल हो गए। पार्टी में शामिल होने के बाद सीएम शिंदे ने वायकर को मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर चुनावी मैदान में उतारा था। इस सीट से वायकर ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे यूबीटी) के प्रतिद्वंद्वी अमोल किर्तीकर को 48 वोट से हराया था। निर्वाचन क्षेत्र में कुल 9,54,939 वोट डाले गए जिनमें से शाह को केवल 937 वोट ही मिले। वायकर ने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 48 वोट के मामूली अंतर से हराया है। इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने मतगणना के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया और निर्वाचन अधिकारी पर निशाना साधा।