महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन (सौ. सोशल मीडिया )
Mahalaxmi Railway Station: मुंबई के महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन के समीप शक्ति मिल से सटे और रेसकोर्स के सामने स्थित 2.67 एकड़ के खाली रेलवे भूखंड की नीलामी में अब तक की सबसे ऊंची बोली सामने आई है।
इस भूखंड को निजी डेवलपर को लीज पर देने की प्रक्रिया में देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिससे यह नीलामी खासा चर्चित रही।
रेलवे द्वारा आयोजित इस नीलामी में दिनेशचंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने 2,250 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई। वहीं, शोभा रियल्टी ने 1,232 करोड़ रुपये और लोढ़ा ग्रुप ने 1,161 करोड़ रुपये की बोली प्रस्तुत की। इन आंकड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुंबई के प्रमुख इलाकों में स्थित रेलवे जमीन रियल एस्टेट कंपनियों के लिए कितनी आकर्षक है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, भारतीय रेलवे के पास देशभर में बड़ी मात्रा में खाली जमीन उपलब्ध है, जिनमें से कई स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। अतिक्रमण हटाने में आ रही प्रशासनिक चुनौतियों और रेलवे के राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से इन जमीनों को निजी डेवलपर्स को लीज पर देने का निर्णय लिया गया है। इसी नीति के तहत रेलवे अपनी प्रमुख संपत्तियों को 99 वर्षों की लंबी अवधि के लिए लीज पर देने की योजना पर काम कर रहा है।
महालक्ष्मी स्थित इस भूखंड के लिए रेलवे ने 993.30 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइस तय किया था, जिसके मुकाबले आई बोलियां काफी अधिक रहीं। इस भूखंड पर अनुमेय फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) 4.05 निर्धारित किया गया है, जिससे यहां बड़े स्तर पर विकास की संभावनाएं बनती हैं।
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हालांकि, रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नीलामी में प्राप्त उच्चतम बोली के बावजूद अंतिम आवंटन तत्काल नहीं किया जाएगा। संबंधित डेवलपर का चयन तकनीकी क्षमता, वित्तीय व्यवहार्यता और अन्य आवश्यक मानकों के विस्तृत मूल्यांकन के बाद ही किया जाएगा। रेलवे का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य केवल राजस्व अर्जन ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक और टिकाऊ विकास को सुनिश्चित करना भी है।