मुंबई की पहली भूमिगत ‘एक्वा लाइन’ तैयार (सौजन्य-नवभारत)
मुंबई: मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ है। ‘एक्वा लाइन’ के नाम से जानी जाने वाली निर्माणाधीन मुंबई मेट्रो-3 ट्रेन ने अंतिम स्टेशन कफ परेड तक अपनी यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।
मुंबईकरों की यात्रा को आसान बनाने वाली भूमिगत मेट्रो 3 ट्रेन का अंतिम स्टेशन कफ परेड तक सफलतापूर्वक ट्रायल रन हुआ। आचार्य अत्रे से कफ परेड मेट्रो लाइन को जल्द ही यात्री यातायात के लिए खोलने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
उल्लेखनीय है कि आरे से लेकर कफ़ परेड तक एक्वा लाइन की लंबाई 33.5 किमी है। इनमें से 12.69 किलोमीटर (आरे-जोगेश्वरी विक्रोली लिंक रोड से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स – बीकेसी) का पहला चरण पिछले 7 अक्टूबर, 2024 को पीएम मोदी की उपस्थिति में यात्रियों के लिए खोल दिया गया था।
इसके बाद, दूसरे चरण (धारावी से आचार्य अत्रे चौक) का 9.77 किलोमीटर हिस्सा तेजी से पूरा होने की ओर अग्रसर है और इन स्टेशनों के बीच नियमित परीक्षण चल रहे हैं। यह चरण सात महत्वपूर्ण स्टेशनों को जोड़ेगा। शुक्रवार को सफल परीक्षण से 10.99 किलोमीटर लंबे चरण 2बी (आचार्य अत्रे चौक से कफ परेड) के निर्माण में तेजी आई है। ओवरहेड कैटेनरी सिस्टम (ओसीएस) और ट्रैक स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है, और अब शेष सिस्टम यानी आर्किटेक्चरल फिनिशिंग और अन्य कार्य प्रगति पर हैं।
एमएमआरसी की एमडी अश्विनी भिडे ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “धारावी से आचार्य अत्रे चौक खंड का परीक्षण तेज गति से चल रहा है और अब मेट्रो ट्रेन आचार्य अत्रे चौक से कफ परेड खंड तक भी पहुंच गई है। हम जुलाई 2025 तक पूरे मार्ग पर परिचालन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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वहीं एमएमआरसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निदेशक एस।के। गुप्ता ने कहा, “मुंबईकरों को उत्कृष्ट और कुशल परिवहन सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से अंतिम चरण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। सफल परीक्षण हमारी प्रगति का स्पष्ट प्रमाण हैं। जल्द ही मुंबईकरों को एक्वा लाइन के माध्यम से विश्व स्तरीय सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।
इस सफल परीक्षण से मेट्रो-3 के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। मेट्रो 3 के पूरी तरह चालू हो जाने पर पश्चिमी उपनगरों, बीकेसी और दक्षिण मुंबई को तीव्र और पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुविधाएं मिलेंगी। इससे मुंबईवासियों का यात्रा सुलभ सुखद होने के साथ आर्थिक राजधानी में परिवहन को नया आयाम मिलेगा। जापान के सहयोग से शुरू की गई यह परियोजना कोरोना व अन्य कारणों की वजह से काफी लेट हो चुकी है,इससे इसकी लागत भी बढ़ चुकी है।