को वर्किंग स्पेस (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने और रेलवे की गैर-किराया आय बढ़ाने की दिशा में पश्चिम रेलवे ने एक नई और अभिनव पहल की है। मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर देश का पहला स्टेशन-आधारित को-वर्किंग स्पेस शुरू किया गया है।
इस अत्याधुनिक डिजिटल लाउंज और को-वर्किंग सुविधा का उद्देश्य यात्रियों को ट्रेन का इंतजार करते समय आरामदायक और पेशेवर माहौल में काम करने का विकल्प उपलब्ध कराना है। यह को-वर्किंग स्पेस स्टेशन परिसर के भीतर ही विकसित किया गया है और लगभग 1,700 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। पूरी तरह एयर-कंडीशन्ड इस सुविधा में कुल 58 सीटों की व्यवस्था की गई है। यहां यात्रियों के लिए आधुनिक और आरामदायक वर्कस्टेशन तैयार किए गए हैं, ताकि वे बिना किसी व्यवधान के अपने काम पर ध्यान दे सकें।
को-वर्किंग स्पेस में रिक्लाइनर कुर्सियां, हाई-स्पीड वाई-फाई, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के लिए पर्याप्त पॉइंट्स, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा और अलग बैठक कक्ष भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चाय-कॉफी जैसी रिफ्रेशमेंट सुविधाएं और आधुनिक, स्वच्छ वॉशरूम भी बनाए गए हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की सुविधाएं अब रेलवे स्टेशनों को सिर्फ यात्रा स्थल नहीं, बल्कि बहुउपयोगी स्पेस के रूप में विकसित करने की दिशा में एक कदम हैं।
यह सुविधा खासतौर पर बिजनेस यात्रियों, पेशेवरों और उन यात्रियों के लिए उपयोगी साबित होगी, जो राजधानी, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों से सफर करते हैं। लंबा इंतजार या ट्रांजिट टाइम अब उनके लिए समय की बर्बादी नहीं, बल्कि कामकाजी उत्पादकता बढ़ाने का अवसर बन सकेगा।
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पश्चिम रेलवे के अनुसार, इस को-वर्किंग स्पेस के इस्तेमाल के लिए पहले घंटे का शुल्क 200 रुपये तय किया गया है। इसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त घंटे के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। रेलवे को उम्मीद है कि इस पहल से न केवल यात्रियों को आधुनिक सुविधा मिलेगी, बल्कि गैर-किराया राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो भविष्य में इसे अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भी लागू किया जा सकता है।