पश्चिम रेलवे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: शनिवार रात को बांद्रा टर्मिनस पर मची भगदड़ के बाद पश्चिम रेलवे की सुरक्षा इंतजामात पर कई सवाल उठाए गए। तो वहीं यात्रियों की गलती भी किसी से नहीं छिपी। त्योहारों पर अपने घर जाने की आस में, यात्री अपनी जान की भी परवाह नहीं करते है।
खासकर के दिवाली और छट पर उत्तर भारत की ओर जाने वाले यात्री, कई सारे बड़े -बड़े सामान लेकर ट्रेन में चढ़ते है, जो दूसरे यात्रियों के लिए समस्याजनक होता है। मिली जानकारी के अनुसार, इस साल पश्चिम रेलवे ने दिवाली और छठ पूजा के लिए 200 विशेष ट्रेनें चला रही है।
इनमें से लगभग 40 ट्रेनें पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन द्वारा विभिन्न गंतव्यों के लिए चलाई जा रही हैं, जिनमें 22 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के लिए हैं। लेकिन फिर भी आबादी को देखते हुए ट्रेनों की संख्या कम है।
पश्चिम रेलवे ने यात्रियों से निवेदन किया है कि वे चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश न करे। अनारक्षित ट्रेनों में लाइन लगा के चढ़े। बड़े सामान लेकर यात्रा न करे। यदि ट्रेनों में भीड़ है, तो दूसरी ट्रेन का इंतज़ार करे। साथ ही अपनी जिम्मेदारियों को भी समझे और रेलवे नियमों का पालन करे।
अधिकारी ने बताया कि बांद्रा टर्मिनस स्टेशन के पूर्वी परिसंचारी क्षेत्र में लगभग 600 यात्रियों की क्षमता वाला 370 वर्ग मीटर का यात्री होल्डिंग एरिया बनाया गया है। साथ ही वेटिंग एरिया के अंदर सार्वजनिक घोषणा प्रणाली उपलब्ध है, जो प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों को ट्रेन की गतिविधियों के बारे में अपडेट रखेगी।
यह भी पढ़ें- अंधेरी ईस्ट सीट पर पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी निर्दलीय करेंगी नामांकन
बांद्रा टर्मिनस, सूरत और उधना स्टेशनों पर अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए कई शिफ्टों में अतिरिक्त टिकट काउंटर और एटीवीएम मशीनों का संचालन किया जा रहा है।
बांद्रा से गोरखपुर जाने वाली 05051 दिवाली स्पेशल ट्रेन 16 घंटे की देरी से चल रही थी। जब ट्रेन के यात्रियों को देरी के बारे में पता चला, तो वे ट्रेन 22921 गोरखपुर अंत्योदय एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए दौड़ पड़े, जिससे भगदड़ मच गई, क्योंकि यात्रियों को 34 घंटे की यात्रा आराम से करनी थी। रात के समय पर्याप्त सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं थे, जो भीड़ को काबू कर सके। उस समय करीब 3000 यात्री स्टेशन पर मौजूद थे।
यह भी पढ़ें- कोरोना से मृत्यु लेकिन ‘कोरोना योद्धा’ नहीं, लाभार्थी मानने से हाई कोर्ट का इनकार, ठुकराई याचिका