मोनोरेल सेवा निलंबित (pic credit; social media)
Monorail Service Suspended: एमएमआरडीए द्वारा 20 सितंबर से मोनोरेल सेवाओं को अस्थाई रूप से निलंबित करने के फैसले ने कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया है। ठेकेदार ने कर्मचारियों को ई-मेल के माध्यम से सूचित किया कि उनकी अंतिम कार्य अवधि 25 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी। यह अचानक निर्णय कर्मचारियों के लिए बड़े झटके के रूप में आया और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कर्मचारियों का कहना है कि यह व्यवहार “अमानवीय” है। एक कर्मचारी ने बताया, “हमें पता है कि मोनोरेल चलाना अब व्यावहारिक नहीं रहा और लागत बहुत अधिक हो गई है। लेकिन हमें क्यों भुगतना पड़े? कई लोग शुरुआत से यहां हैं, अब दिवाली के समय अचानक नौकरी से निकाल दिया जाएगा।” एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि कम से कम कोई पुनर्वास योजना या एमएमआरडीए की अन्य परियोजनाओं में स्थानांतरण पर विचार किया जाना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर ठेकेदार का ई-मेल तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें कर्मचारियों की नौकरी 25 अक्टूबर तक समाप्त करने का उल्लेख है। इस पत्र ने कर्मचारियों और आम जनता में नाराजगी बढ़ा दी है। एमएमआरडीए अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार केवल निलंबन आदेश का पालन कर रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की चिंता और आलोचना बनी हुई है।
परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि यह भविष्य में किसी भी परियोजना के लिए बुरा उदाहरण बन सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की दृष्टि से मोनोरेल निलंबन व्यावहारिक हो सकता है क्योंकि कम सवारी संख्या और उच्च परिचालन लागत इसे सही ठहराती नहीं थीं। लेकिन कर्मचारियों के दृष्टिकोण से यह निर्णय अमानवीय है और कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा तंत्र होना चाहिए था।
2014 में शुरू की गई मोनोरेल कभी मुंबई की भविष्य की परिवहन प्रणाली के रूप में देखी जाती थी। लेकिन ब्रेकडाउन, सुरक्षा समस्याओं और कम सवारी संख्या जैसी चुनौतियों ने इसकी विश्वसनीयता को प्रभावित किया। अब निलंबन के साथ, कर्मचारियों को अनिश्चितता और भविष्य की चिंता के बीच खड़ा कर दिया गया है।
कर्मचारियों का प्रदर्शन और ई-मेल के वायरल होने से सरकार और एमएमआरडीए पर सामाजिक दबाव बढ़ गया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सरकार कर्मचारियों के लिए कोई राहत योजना लाती है और भविष्य में ऐसे अमानवीय निर्णय से बचने के लिए कदम उठाए जाते हैं।