मनसे, एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सिडको के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि सिडको ने नेरुल में सामाजिक मुद्दों के लिए आरक्षित भूखंड बिल्डरों को ऊंची कीमत पर बेच दिए हैं। मनसे का कहना है कि यह कदम जनता के हितों के साथ धोखा है।
मनसे के प्रवक्ता और नवी मुंबई अध्यक्ष गजानन काले ने बताया कि नेरुल की विकास योजना में चार प्लॉट सामाजिक उपयोग के लिए आरक्षित थे, लेकिन सिडको ने इन्हें बिल्डरों को ऊंचे दाम पर बेच दिया। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक उद्देश्यों के लिए जमीन का उपयोग रुक गया है और आम जनता को सीधा नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, सिडको द्वारा हाल ही में निकाली गई 26,000 घरों की लॉटरी में घरों की ऊंची कीमतें भी लोगों की नाराजगी का बड़ा कारण हैं। गजानन काले ने कहा कि “सिडको ने आम नागरिकों की पहुंच से बाहर घरों की कीमतें तय की हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार इन दरों पर घर खरीदने की कल्पना भी नहीं कर सकते।”
मनसे का कहना है कि वह लंबे समय से इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने की कोशिश कर रही थी। शिंदे ने तीन बार बैठक का वादा किया, लेकिन किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इससे नाराज होकर मनसे ने शिंदे के घर तक मार्च निकालने का फैसला किया है।
पार्टी का कहना है कि जब तक सिडको घरों की कीमतें कम नहीं करता और सामाजिक भूखंडों पर जनता को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मनसे ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने गंभीरता से कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।