ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने के अनुमति के अलावा एक प्रमुख पहचान पत्र माना जाता है। इसके पहले लर्निंग लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। नागरिकों की सुविधा के लिए यह पूरी प्रक्रिया फेसलेस यानी बिना किसी शारीरिक उपस्थिति के ऑनलाइन कर दी गई है।
लेकिन अब यही व्यवस्था राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हा रहा है। नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर के सुरक्षा सॉफ्टवेयर को दरकिनार कर उम्मीदवार के बिना ही लर्निंग लाइसेंस की परीक्षा देना और पास करना संभव हो गया है।
एजेंटों द्वारा इस खामी का दुरुपयोग कर दूसरे राज्यों के साथ-साथ नेपाल और अन्य देशों के नागरिकों को भी भारतीय लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ‘सारथी’ पोर्टल पर ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस परीक्षा कुछ निश्चित आईपी एड्रेस से बड़े पैमाने पर एक ही समय पर दी गई हैं।
कई मामलों में पाया गया कि उम्मीदवार की मातृभाषा मराठी होने के बावजूद परीक्षा हिंदी में दी गई। विभाग की जांच में सामने आया कि 10 कंप्यूटरों के निश्चित आईपी एड्रेस से करीब 560 परीक्षाएं दी गई।
सबसे अधिक परीक्षाए रात 12 से 3 बजे के बीच आयोजित की गई थीं, एजेंट उम्मीदवारों से प्रति लाइसेस 5 से 10 हजार रुपये तक वसूलकर उन्हें घर बैठे लाइसेस उपलका करा रहे थे, यह जानकारी परिवहन विभाग के सूत्रों ने दी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह रोजाना हजारों लर्निंग लाइसेंस जारी किए जाने से यह प्रणाली राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। वेबसाइट के डेवलपर टूल्स के जरिए जावा कोड में बदलाव किया जाता है। इसके बाद ऑनलाइन फॉर्म में किसी भी उम्मीदवार की जानकारी बिना किसी वेरिफिकेशन के भरी जा सकती है। मतलब किसी के भी नाम के आगे किसी का भी फोटो लगाया जा सकता है।
इसके लिए आधार कार्ड वेरिफिकेशन की भी जरूरत नहीं पड़ती, परीक्षा के दौरान उम्मीदवार को सामने उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं होती। लर्निंग लाइसेंस जारी करने की कागजी जिम्मेदारी संबंधित आरटीओ अधिकारी की होती है, लेकिन इस प्रक्रिया में उनका कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं रह जाता, ऐसा अधिकारियों ने स्पष्ट किया।
इस धोखाधड़ी के कारण कोई विदेशी या अवैध प्रवासी व्यक्ति भारतीय नागरिक के आधार कार्ड पर अपना फोटो लगाकर आसानी से लर्निंग लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। बाद में जब वह पक्के लाइसेंस की परीक्षा देता है, तो नाम और फोटो मेल खाने के कारण उसे स्थायी लाइसेंस भी मिल जाता है।
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एक बार पक्का लाइसेंस बन जाने के बाद वह व्यक्ति भारतीय नागरिक के रूप में देश में स्वतंत्र रूप से रह सकता है। इसके आधार पर वह आगे मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मोबाइल सिम कार्ड जैसे अन्य दस्तावेज भी बनवा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यही पहलू देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।