
मंगल प्रताप लोढ़ा (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra News: राज्य के कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने सोमवार को कहा कि विभिन्न विभागों में विकासात्मक उपक्रमों को लागू करने के लिए वर्तमान में विदेशी कंपनियों को केवल सलाह के नाम पर लाखों करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं।
ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारी लाभ कमाकर अपने देशों में कर भरती हैं। अब यह स्थिति बदलने की आवश्यकता है और विकसित भारत की अवधारणा में भारतीय विचारों वाली कंपनियों को अवसर मिलना चाहिए।
मंत्री लोढ़ा ने उपरोक्त बातें बांद्रा स्थित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेस (सीपीआरजी) द्वारा आयोजित ‘नगरी-द फ्यूचर ऑफ सिटीज’ सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेशी परामर्श कंपनियां भारतीय हितों को नजरअंदाज करते हुए भारत से अरबों लूट रही हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इन कंपनियों पर एक लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। मंत्री लोढा। ने कहा कि इन फर्मों को कमाई से हासिल होनेवाला भारी मुनाफा उनके अपने देशों में कर योग्य है, जबकि उनके लिए काम करने वाले भारतीयों को केवल मामूली वेतन ही मिलता है। ये कंपनियां भारतीयों के कौशल का उपयोग करके अमीर बन रही हैं।
ऐसी स्थिति में भारतीय विचारधारा पर बनी स्वदेशी कंपनियों को सशक्त बनाने का समय आ गया है। विकसित शहर की अवधारणा का मतलब केवल बड़ी सड़कें, ऊंची इमारते और परिवहन व्यवस्था नहीं है, बल्कि भौतिक बुनियादी ढांचे को हमारी सास्कृतिक पहचान के साथ भी एकीकृत किया जाना चाहिए।
मंत्री ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में, हमारा देश जल्द ही आणी विकसित राष्ट्रों में से होगा। मंत्री लोढ़ा ने मुंबई के मालाड-मालवणी क्षेत्र में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं घुसपैठियों की बड़े पैमाने पर हुई घुसपैठ के प्रति आगाह करते हुए कहा कि ये किसी भी शहर की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है।
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भविष्य में इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए प्रभावी तंत्र आवश्यक हो गए है। मंत्री लोढ़ा ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्व एंड गवर्नेस के संस्थापक और निदेशक डॉ। रामानंद पांडे के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि कौशल विकास का सीपीआरजी के साथ सहयोग करने का इरादा है।






