सिडको (pic credit; social media)
Maharashtra News: बिवलकर जमीन आवंटन प्रकरण को लेकर महाविकास आघाड़ी ने शिवसेना और सिडको पर 5 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। एनसीपी विधायक रोहित पवार ने यह आरोप लगाया, लेकिन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किए।
आरोप लगने के बाद सिडको के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंपल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सभी दावों को बेबुनियाद करार दिया। उनका कहना है कि बिवलकर परिवार को भूखंडों का आवंटन पूरी तरह नियमों के तहत किया गया है।
महाविकास आघाड़ी ने जिस सर्वे नंबर 51 की जमीन पर सवाल उठाए थे, वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इससे पहले इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला बिवलकर परिवार के पक्ष में आया था, लेकिन सिडको ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्टे ऑर्डर हासिल किया। इसी कारण प्रकरण कानूनी रूप से अब भी अधर में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नवी मुंबई मनपा चुनाव से पहले महाविकास आघाड़ी ने यह मुद्दा उठाकर जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। हालांकि नवी मुंबई में महाविकास आघाड़ी की स्थिति कमजोर है, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना तेजी से मजबूत हो रही है। ऐसे में आरोपों को राजनीतिक रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
इधर, बिवलकर परिवार ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर नाराजगी जताई है। परिवार का कहना है कि यह जमीन ऐतिहासिक रूप से उनकी है और इसे लेकर अंग्रेजों के जमाने से लड़ाई लड़ी गई थी। उनका दावा है कि अदालतों ने पहले भी उनके हक में फैसले दिए हैं। परिवार ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार और राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं।