
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: महाराष्ट्र सरकार ने यवतमाल जिले के सेंदुरसना गांव में सामने आए बड़े जन्म पंजीकरण घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर) यशस्वी यादव करेंगे।
जांच टीम में संयुक्त पंजीयक (जन्म एवं मृत्यु) डॉ. बबीता कमलापुरकर और यवतमाल के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष ढोले को भी शामिल किया गया है। सरकार का उद्देश्य इस मामले की गहराई से जांच कर फर्जी पंजीकरण के पूरे नेटवर्क और जिम्मेदार लोगों की पहचान करना है।
उल्लेखनीय है कि सेंदुरसना गांव की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 1,394 है, जबकि सितंबर से नवंबर 2025 के बीच मात्र 100 दिनों में यहां 27,397 विलंबित जन्म पंजीकरण दर्ज किए गए। यह आंकड़ा गांव की वास्तविक आबादी से कई गुना अधिक है, जिससे बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की आशंका सामने आई है।
प्राथमिक जांच में यह मामला साइबर फ्रॉड से जुड़ा माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत की नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) की लॉगिन आईडी मुंबई से संचालित पाई गई है। आशंका जताई जा रही है कि सिस्टम को या तो हैक किया गया या फिर लॉगिन का दुरुपयोग कर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए।
इस घोटाले का खुलासा भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दिसंबर 2025 की शुरुआत में किया था। 17 दिसंबर को उन्होंने सेंदुरसना गांव का दौरा कर मामले को सार्वजनिक किया। सोमैया का दावा है कि पंजीकरण में दर्ज किए गए अधिकांश नाम पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बांग्लादेश से जुड़े बताए जा रहे हैं।
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सरकार ने संकेत दिए हैं कि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक और तकनीकी स्तर पर हुई लापरवाही या साजिश की भी जांच की जा रही है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।






