महाराष्ट्र में हाई अलर्ट (सौजन्य-एक्स)
Maharashtra News: भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र में हाहाकार मचा हुआ है। राज्य के कई जिलों में किसानों की तैयार फसल बरसाती बाढ़ में बह गई है तो वहीं घरों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आसमानी आपदा से निपटने तथा प्रभावित लोगों की मदद करने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं। इस बीच विपक्ष को इस आपदा में सरकार पर हमला बोलने के अवसर मिल गया है। विपक्ष के नेता बारिश के कारण प्रभावित किसानों एवं ग्रामीणों की ज्यादा से ज्यादा मदद की मांग करके सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने महायुति सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मराठवाड़ा में आई बाढ़ में लोकतंत्र बह गया है। इस दौरान उन्होंने आधे मंत्रिमंडल को बेकार और निकम्मा घोषित कर दिया। उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि फडणवीस और उनके सहयोगियों ने विपक्ष का नेता नहीं बनने दिया। इस वजह से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यही बाढ़ गुजरात में आई होती, तो मोदी-शाह हवाई जहाज से मदद का ऐलान कर देते और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को पैसा देने को मजबूर कर देते। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के दौरे के दौरान देखा गया कि लोग सरकार से बेहद नाराज हैं और अब उनको सरकार के किसी भी वादे पर विश्वास नहीं रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से सवाल किया कि किसानों के सवाल पर मंत्रियों को गुस्सा क्यों आता है? वडेट्टीवार ने कहा कि मराठवाड़ा के धाराशिव से लेकर सोलापुर और अन्य जिलों के साथ-साथ उत्तर महाराष्ट्र के बागानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों की हालत इस समय ऐसी है कि एक एकड़ में एक क्विंटल सोयाबीन का भी उत्पादन नहीं किया जा सकता। ऐसी विषम परिस्थितियों की वजह से राज्य में गीला अकाल घोषित करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि शनिवार को यवतमाल जिले के दौरे के दौरान हमने किसानों के दर्द को महसूस किया। राज्य को केंद्र से ठोस मदद मिलनी चाहिए और तुरंत एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की एक टीम भेजनी चाहिए। लेकिन, ऐसे संकेत देखने को नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसान मदद के बारे में पूछ रहे हैं, तो गुस्से में हम कंचे खेलने नहीं आए हैं, ऐसा जवाब न दें। किसानों का अपमान न करें। सरकार को किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपए की सहायता देनी चाहिए।
राकां के वरिष्ठ नेता शरद चंद्र पवार पार्टी के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल ने राज्यपाल आचार्य देवब्रत को पत्र लिख कर राज्य में अतिवृष्टि पर चर्चा के लिए तीन दिवसीय सत्र बुलाने की मांग की है। इस बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर उक्त पत्र साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि भारी बारिश के मद्देनजर, एक विशेष सत्र की घोषणा की जानी चाहिए ताकि सरकार ठोस निर्णय ले सके। उन्होंने लिखा है कि पूरे राज्य में बारिश से तबाही मची है।
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किसान, पशु, घर और जीवन, सब तबाह हो गए हैं। फिर भी, सरकार जरूरी मदद मुहैया नहीं करा रही है। पार्टी की ओर से राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र तुरंत बुलाएं ताकि किसानों और नागरिकों के सवालों को सुना जा सके। मुआवजे और राहत पैकेज पर गहन चर्चा की जा सके और पर्याप्त सहायता पर निर्णय लिया जा सके।