उद्धव ठाकरे-संजय राउत-राज ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे के एक बार फिर साथ आने की चर्चा सुर्खियों में है। जब ये चर्चा परवान चढ़ी तो दोनों ठाकरे बंधु विदेश दौरे पर चले गए थे। राज ठाकरे ने अपने समर्थकों से कहा था कि वे इस मुद्दे पर बयानबाजी न करें। विदेश दौरे से लौटने के बाद वे खुद इस पर बात करेंगे लेकिन दोनों भाई विदेश दौरे से लौटने के बाद शांत हैं।
ऐसे में अब शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता संजय राउत ने एक बार फिर मशाल जलाते हुए कहा है कि जब राज ठाकरे ने एक साथ आने पर बयान दिया था तब हम लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी लेकिन अब रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए पहल राज को करनी है। इस तरह राउत ने यह जिम्मेदारी मनसे अध्यक्ष के कंधों पर डाल दी है।
सूत्रों के मुताबिक राज ने उद्धव के साथ हाथ मिलाने के लिए पहली चाल तो चल दी है। वहीं उद्धव की तरफ से पॉजिटिव रिस्पांस भी आ गया है लेकिन दूसरी तरफ राज के महायुति में शामिल बीजेपी व शिवसेना के साथ भी अच्छे सम्बन्ध हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में मनपा चुनाव की घोषणा जल्द की जा सकती है। ऐसे में अगर उद्धव व राज के बीच चुनावी गठबंधन एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है। इस वजह से सत्ताधारी दल के साथ महाविकास आघाडी में शामिल कांग्रेस की इस डेवलपमेंट पर खास नजर है।
जानकारों का कहना है कि अगर उद्धव व राज एकसाथ आते हैं तो मुंबई के मनपा चुनाव में उनका पलड़ा भारी हो सकता है। वहीं महायुति की राहें मुश्किल हो सकती है। सवाल है कि उद्धव के साथ आने पर राज का क्या रोल होगा? दोनों पार्टियों का विलय होगा या फिर सिर्फ चुनावी गठबंधन के तहत दोनों भाई साथ आएंगे।