आयुष्मान-फुले योजना (pic credit; social media)
Ayushman-Phule Scheme: महाराष्ट्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि अब 5 लाख रुपये से अधिक खर्च वाले इलाज के लिए राज्य सरकार एक विशेष कोष बनाएगी। इसके साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत 2,399 नए उपचारों को मंजूरी दी गई है।
बैठक में यह तय किया गया कि महंगे इलाज, खासकर अंग प्रत्यारोपण जैसी जटिल सर्जरी के लिए मरीजों को अब आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार की ओर से बनाए जाने वाले कोष से इन मामलों में सीधे सहायता दी जाएगी।
बैठक में चर्चा हुई कि यदि किसी तालुका में 30 बिस्तरों वाला अस्पताल मौजूद नहीं है, तो निजी अस्पतालों को योजना से जोड़ा जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में नए अस्पताल शुरू करने को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए “आरोग्य मित्रों” की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
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राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि लोगों को योजना की जानकारी आसानी से मिले, इसके लिए एक मोबाइल ऐप और चैटबॉट तैयार किए जाएंगे। इनके माध्यम से मरीज आसानी से योजना में शामिल अस्पतालों और उपचारों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता वाली इस बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, राज्य मंत्री आबोटकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। लोक स्वास्थ्य सचिव वीरेंद्र सिंह और महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अन्नासाहेब चयशाण ने योजना की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
जनवरी से सितंबर 2025 तक की अवधि में योजना के तहत प्राप्त प्रमुख उपलब्धियां और चुनौतियां बैठक में रखी गईं। अध्ययन समिति ने सुझाव दिया कि नए उपचार शामिल करने और अस्पतालों को समय पर भुगतान करने से योजना की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।
राज्य सरकार के इन फैसलों से स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुलभ होंगी। आयुष्मान भारत और महात्मा फुले योजना के संयुक्त दायरे में 2,399 उपचार शामिल होने के बाद यह देश की सबसे व्यापक स्वास्थ्य योजनाओं में से एक बन गई है।