मुंबई न्यूज
Mumbai News In Hindi: फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के नियमों की अनदेखी कर आवश्यक सुविधाएं न देने वाले राज्य के फार्मेसी कॉलेजों पर सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की है।
ये नोटिस तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा भेजी गई हैं और जब तक संस्थान कमियों को दूर नहीं करते, तब तक प्रथम वर्ष में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। शैक्षणिक वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान शुरू हुए कॉलेजों की जांच उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा, तकनीकी शिक्षा निदेशालय के नेतृत्व में, पीसीआई के स्टैंडर्ड इंस्पेक्शन फॉर्मेट के अनुसार की गई। जांच के दौरान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, दवा निर्माण उपकरण, इमारतें और फैकल्टी जैसी जरूरी सुविधाओं में कई संस्थाएं मापदंडों को पूरा करने में विफल पाई गई।
इसके बाद उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने समीक्षा बैठक लेकर कॉलेजों को तुरंत मापदंड पूरे करने के निर्देश दिए। अब तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दी हैं। बी। फार्मसी कॉलेजों के संदर्भ में तत्काल कार्रवाई के लिए राज्य की साझा प्रवेश परीक्षा प्राधिकरण को भी निर्देश दिए गए हैं। निदेशालय ने विभागवार कॉलेजों की सूची भी जारी की है। यदि ये संस्थाएं मापदंडों को पूरा नहीं करतीं तो इनका नाम प्रवेश प्रक्रिया के दौरान तकनीकी शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
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फार्मसी प्रवेश के लिए अभी पंजीकरण प्रक्रिया जारी है, लेकिन वास्तविक प्रवेश शुरू नहीं हुए है। बी फार्मसी के लिए 60,000 से अधिक आवेदन और डी फार्मसी के लिए 20,000 से अधिक आवेदन पहले ही किए जा चुके हैं। लेकिन कई कॉलेज बुनियादी सुविधाएं न होने के कारण जांच के दायरे में आ गए है। इस स्थिति ने प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और विद्यार्थियों के हितों को लेकर चिंता खड़ी कर दी है। फार्मेसी शिक्षा क्षेत्र पर सीधा असर डालने वाली इस कार्रवाई से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अब अनिश्चित हो गया है, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई जिलों की संस्थाएं इस सूची में शामिल है। छात्रों के हित में आवाश्यक सुविधाएं देना संस्थानों की जिम्मेदारी है, अन्यथा उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है।