महाराष्ट्र में भारी बारिश (pic credit; social media)
Maharashtra Heavy Rain: महाराष्ट्र में लौटती बारिश ने फिर से तांडव मचा दिया है। चक्रवाती तूफान के असर से राज्य के कई जिलों में जलजला जैसे हालात बन गए हैं। सोलापुर, कोकण, पुणे, नाशिक घाट, मराठवाड़ा और विदर्भ में भारी तबाही हुई है। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और किसानों की मेहनत डूब गई। कई गांवों में घरों में पानी घुसने से लोग सुरक्षित ठिकानों पर पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटे के लिए राज्य के 7 जिलों में रेड अलर्ट और कई जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम की वजह से अगले 48 घंटे तक तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।
धाराशिव जिले के कई गांवों का संपर्क टूट गया है। यहां 8 मकान ढह गए। संभाजीनगर जिले में 7 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि से 133 पक्के और 291 कच्चे घर बह गए। प्रशासन ने लोगों को पैठण और वालुका इलाके के स्कूलों व मंगल कार्यालयों में शिफ्ट किया। हिंगोली जिले के 23 मंडलों में 10 गांव पूरी तरह कट गए हैं। बारिश और हादसों में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
सरकार ने युद्धस्तर पर राहत शुरू कर दी है और अब तक 231 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। परभणी में बाढ़ जैसे हालात हैं जहां 203 मकान ढह गए और कई नागरिक व पशु मारे गए। नांदेड़, लातूर और जालना में भी बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है। बैकला और विधूर चौफुली इलाके में बाजारों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी घाटा झेलना पड़ा। बल्लेगांव के पोल्ट्री फार्म की दीवार गिरने से 800 मुर्गियों की मौत हो गई।
मुंबई में भी रातभर झमाझम बारिश हुई। रेड अलर्ट के बीच 24 घंटे में बांद्रा में 82 मिमी, महालक्ष्मी में 28 मिमी और जोगेश्वरी में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। लोकल ट्रेन सेवाएं और बेस्ट बसें देरी से चलीं।
नदी-नाले उफान पर हैं। त्र्यंबकेश्वर और नंदगांव में गोदावरी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। अब तक 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
जौहर तहसील में बिजली गिरने से 6 लोग घायल हुए जबकि उल्हास नदी में 3 लोग बह गए। राहत व बचाव कार्य तेजी से जारी है। लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है और सरकार पर राहत कार्य तेज करने का दबाव है।