प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra FDA Action: राजस्थान और मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप के कारण 26 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई है। इसी कड़ी में राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने दवा विक्रेताओं पर कड़ा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने सभी मेडिकल स्टोरों को निर्देश दिया है कि वे अब किसी भी तरह का कफ सिरप या अन्य दवाइयां डॉक्टर के लिखित प्रिस्क्रिप्शन के बिना न बेचें।
एफडीए ने बताया कि प्रदेशभर में औचक निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान अधिकारियों ने कई जिलों में मेडिकल दुकानों पर छापेमारी की। जांच में बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाइयां बेचने और रिकॉर्ड में गड़बड़ी करने वाले विक्रेताओं पर तुरंत कार्रवाई की गई।
एफडीए के अनुसार, राज्यव्यापी निरीक्षण अभियान में 88 दवा विक्रेताओं को तत्काल दवा बिक्री रोकने का आदेश दिया गया, जबकि 107 दवा विक्रेताओं को उनके लाइसेंस निलंबित या रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने की सिफारिश की गई है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (FDA) का कहना है कि यह अभियान पूरे महाराष्ट्र में जारी रहेगा ताकि किसी भी तरह की जहरीली या गलत दवा से लोगों की जान को खतरा न हो।
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एफडीए अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई न केवल कफ सिरप बल्कि उन सभी दवाओं पर लागू होगी, जो ‘Schedule H’ वर्ग में आती हैं। यानी जिन्हें केवल डॉक्टर की पर्ची पर ही बेचा जा सकता है। उन्होंने दवा विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द कर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
विभाग ने जनता से भी अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खरीदें और न ही बच्चों को दें। एफडीए का उद्देश्य राज्य में दवा सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करना है ताकि राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
एफडीए के इस सख्त कदम से मेडिकल व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है, वहीं आम जनता ने इसे बच्चों और मरीजों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है।