मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य में बिजली कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली बिजली पर अतिरिक्त विक्रय कर की दर को बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री कुसुम चरण-बी योजना के वित्तपोषण हेतु अतिरिक्त विद्युत विक्रय कर की दर में वृद्धि को मंजूरी दी गई। सौर कृषि पंपों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम घटक-बी योजना के लिए धनराशि जुटाना इसका मकसद है। इससे राज्य के कृषि पंपों के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध होगी और किसान दिन में भी सिंचाई कर सकेंगे।
पीएम कुसुम योजना भारत सरकार की एक पहल है, जो किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादन और इस्तेमाल में शामिल करके उनकी आय बढ़ाने में मदद करती है। इससे किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पर निर्भरता खत्म होगी। किसान सरप्लस बिजली का उत्पादन भी कर सकेंगे और उसे ग्रिड को बेच सकेंगे। इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होगी। महाराष्ट्र सरकार ने कुसुम योजना के अंतर्गत राज्य में साढ़े छह लाख सौर कृषि पंप लगाने का लक्ष्य रखा है। अब तक राज्य में 4 लाख 23 हजार से ज़्यादा सौर कृषि पंप लगाए जा चुके हैं। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने हेतु, कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली इकाइयों पर अतिरिक्त विद्युत बिक्री कर की दर बढ़ाने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
सरकार इससे पहले शहरी क्षेत्रों में रिलायंस एनर्जी, टाटा पावर व बेस्ट के औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा अन्य श्रेणी के ग्राहकों, शहरी क्षेत्रों में महावितरण कंपनी के औद्योगिक और वाणिज्यिक श्रेणी के ग्राहकों और राज्य के अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक और वाणिज्यिक ग्राहकों से बिजली बिक्री पर प्रति यूनिट 11.04 पैसे अतिरिक्त विद्युत विक्रय कर (अतिरिक्त TOSE) वसूला जाता था। अब प्रति यूनिट 9.90 पैसे अतिरिक्त विद्युत विक्रय कर लगाने को मंजूरी दी गई है, जिससे कुल 20.94 पैसे हो जाएंगे।
आधुनिक विज्ञान और तकनीक के संयोजन से राज्य के विकास को एकीकृत और नियोजित गति प्रदान करने के लिए कैबिनेट बैठक में महाजियो टेक निगम की स्थापना को मंजूरी दी गई। यह निगम कंपनी अधिनियम के तहत स्थापित किया जाएगा और इसके लिए 106 पदों के सृजन को भी मंज़ूरी दी गई है। निगम महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (MRAC) के अस्तित्व को जारी रखते हुए स्थापित किया जाएगा। MRAC द्वारा कार्यान्वित परियोजनाओं में भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित सड़क सूचना प्रणाली, शहरी नियोजन, क्षेत्रीय योजना, जलयुक्त शिवार और वाटरशेड विकास योजना, डोंगरी विकास योजना, ई-पंचनामा, महानगरी तकनीक, कंडलवन अध्ययन, भूजल प्रबंधन, खनिज और खदान अध्ययन आदि शामिल हैं।
मुंबई के वडाला स्थित जीएसटी भवन में संगठन के मुख्यालय के लिए लगभग पांच हजार वर्ग फुट जगह आरक्षित की जाएगी और इस जगह का निर्माण और हस्तांतरण होने तक दक्षिण मुंबई क्षेत्र में किराए पर जगह लेने की भी मंजूरी दी गई है। निगम के खर्च के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान मंजूर किया गया है।
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कैबिनेट बैठक में सातारा जिले के फलटण में वरिष्ठ स्तरीय दीवानी न्यायालय की स्थापना को मंजूरी दी गई। वर्तमान में फलटण में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय, दीवानी न्यायालय (कनिष्ठ स्तर) ऐसे दो न्यायालय कार्यरत हैं। नागरिकों की सुविधा के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने फलटण में एक दीवानी न्यायालय और एक वरिष्ठ स्तरीय न्यायालय की स्थापना को मंजूरी दी है।