महाराष्ट्र चुनाव (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 99 उम्मीदवारों वाली अपनी पहली सूची रविवार को जारी कर दी। लेकिन इसमें आश्चर्यजनक बात यह है कि बीजेपी ने एक बार फिर से उत्तर भारतीयों को नजरअंदाज किया है।
बता दें, कि 99 लोगों की सूची में सिर्फ एक उत्तर भारतीय विद्या जयप्रकाश ठाकुर (गोरेगांव) को उम्मीदवारी दी गई है। इससे बीजेपी और मुंबईकरों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
लोकसभा चुनाव में उत्तर भारतीयों की उपेक्षा के परिणाम स्वरूप उत्तर भारतीय वोट बैंक खिसकने का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा था। विधानसभा चुनाव में लिए बीजेपी में उत्तर भारतीय वोट पाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। यूपी-बिहार के विधायकों, सांसदों को बीजेपी के उम्मीदवारों के प्रचार के लिए खासतौर पर मुंबई में बुलाया गया है।
लेकिन, बीजेपी में वर्ली से संतोष पांडे, वर्सोवा से संजय पांडे, कालीना से अमरजीत सिंह सहित कई उत्तर भारतीय नेता इच्छुक हैं। लेकिन उम्मीदवारी के मामले में बीजेपी की पहली सूची में एक बार फिर से उत्तर भारतीयों की अवहेलना देखने को मिली है। जबकि मुंबई व आस-पास रहनेवाले प्रवासी उत्तर भारतीय बड़ी संख्या में बीजेपी से जुड़े हैं।
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बताया जा रहा है कि बीजेपी में उत्तर भारतीयों की उपेक्षा से बीजेपी में मुंबई के उत्तर भारतीय खासतौर पर नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि बीते सप्ताह अपने मुंबई दौरे के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मुंबई में बीजेपी के नाराज महासचिव संजय उपाध्याय को समझाने के लिए उनके घर पहुंच गए थे।
40 वर्षों से पूरी निष्ठा से पार्टी में मिली जिम्मेदारियों को निभाने के बाद भी संजय उपाध्याय को बार-बार नजरअंदाज किया जाता रहा है। बताया जा रहा है कि 2019 में उन्हें बोरीवली से उम्मीदवारी दी गई थी। लेकिन ऐन मौके पर उनका नाम काट कर सुनील राणे को उम्मीदवारी दे दी गई। इसके बाद उन्हें राज्य सभा में भेजने का वादा किया गया था लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया।
उन्हें राज्यपाल मनोनीत 12 विधायकों में शामिल करने का भी आश्वासन दिया गया था लेकिन बाद में उपाध्याय की जगह विक्रांत पाटिल को विधायक बना दिया गया। उपाध्याय ने विले पार्ले से टिकट मांगा था। उन्होंने विलेपार्ले के जेबी नगर में कार्यालय भी खोला है लेकिन विलेपार्ले से मौजूदा विधायक पराग अलवणी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।
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अब उम्मीद की जा रही है कि वर्सोवा और क़ालीना से विधानसभा चुनाव में बीजेपी संजय उपाध्याय या किसी दूसरे उत्तर भारतीय को टिकट देकर उत्तर भारतीयों की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर सकती है।