प्रशांत किशोर और आनंद दुबे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Mumbai News: बिहार चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता सैयद आलम ने पार्टी छोड़ दी। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक उतार-चढ़ाव और दल-बदल आम बात है। उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि इस वक्त पूरा बिहार तेजस्वी यादव के समर्थन में एकजुट है।
माताएं, बहनें, किसान और नौजवान सभी उनके साथ हैं। दुबे ने नीतीश कुमार के 20 साल के शासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस दौरान न तो पलायन रुका, न बेरोजगारी में कमी आई और न ही सड़कों व कानून व्यवस्था में सुधार हुआ। उन्होंने छठ पर्व के अवसर पर छठी मैया से प्रार्थना की कि भाजपाइयों को सद्बुद्धि और आरजेडी कार्यकर्ताओं को न्याय मिले।
आनंद दुबे ने कहा कि इस बार महागठबंधन के लोग 14 नवंबर को दीपावली मनाएंगे, क्योंकि तेजस्वी यादव की लोकप्रियता चरम पर है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सभी वर्गों के नेता हैं। हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, गरीब और मजदूर सभी उनके साथ हैं। दुबे ने भरोसा जताया कि लोग आपसी मतभेद भूलकर महागठबंधन को चुनेंगे।
उन्होंने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि वहां सिर फुटव्वल है, चिराग पासवान, कुशवाहा और मांझी सभी अलग दिशा में हैं और भाजपा सबको अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है। बिहार चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद दुबे ने कहा कि अब प्रशांत किशोर केवल रणनीतिकार नहीं हैं, बल्कि खुद चुनाव मैदान में हैं।
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उन्होंने प्रशांत किशोर को सलाह दी कि किसी के इशारे पर काम न करें और जनता की सेवा करें। दुबे ने कहा कि प्रशांत किशोर की सरकार बननी नहीं है, इसलिए नफरत फैलाने से बचें। उन्होंने विश्वास जताया कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार को स्थिर सरकार मिलेगी, जो राज्य और देश के विकास का सही मार्ग है।
महाराष्ट्र के शनिवारवाड़ा में महिलाओं के नमाज और हिंदू संगठनों के प्रदर्शन को लेकर आनंद दुबे ने कहा कि भगवान से प्रार्थना करते हैं कि भाजपाइयों को सद्बुद्धि मिले। उन्होंने कहा कि भारत की विशेषता यही है कि हर धर्म और मजहब के लोग अपने ईश्वर की प्रार्थना कर सकते हैं। दुबे ने कहा कि मुसलमान समाज ने शनिवारवाड़ा जैसे पवित्र स्थान को इबादत के लिए चुना, यह प्रेम का प्रतीक है, नफरत का नहीं। उन्होंने याद दिलाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में सभी धर्मों के लोग थे, जिन्होंने हिंदवी स्वराज्य की कल्पना की थी। उन्होंने भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)