
केईएम अस्पताल (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: परेल स्थित मनपा के केईएम अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाह पूर्ण कार्यप्रणाली को लेकर कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्था ठीक करने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।
उन्होंने कहा कि यदि मरीजों को समय पर और उचित उपचार नहीं मिला तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। कामकाज में चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी के संज्ञान में लाने की बात कही है।
मरीजों व उनके परिजनों से मिल रही लगातार शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मंत्री लोढ़ा ने सोमवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल की डीन डॉ। संगीता रावत से कड़ी पूछताछ की और अस्पताल प्रबंधन को मरीजों को हो रही असुविधा को लेकर फटकार लगाई।
उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) पर हमला बोलेते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षों में बीएमसी की सत्ता में रहे लोगों ने भ्रष्टाचार और दलाली की एक व्यवस्था खड़ी कर दी है, जिसका खामियाजा आज भी आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मंत्री लोढ़ा ने निरीक्षण के दौरान पाया कि केवल पंजीकरण करवाने के लिए मरीजों और उनके परिजनों को दो से तीन घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।
इस दौरान मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल की लापरवाह कार्यप्रणाली का पूरा ब्यौरा दिया। निजी लैब्स और मेडिकल टेस्ट कंपनियों के प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ होने के गंभीर आरोप लगाए। एमआरआई, सीटी स्कैन, 2डी इको, सोनोग्राफी जैसी जरूरी जांच के लिए अस्पताल में 3 से 6 महीने का लंबा इंतजार है। एमआरआई टेस्ट के लिए मार्च 2026 और सीटी स्कैन के लिए जनवरी 2026 तक की वेटिंग चल रही है। सोनोग्राफी की स्थिति भी यही है।
अस्पताल की दो मंजिला पुरानी इमारत और 13 मंजिला नई इमारत में कई बार लिफ्ट बंद होने की वजह से रिश्तेदारों को पेशेंट को उठाकर जांच के लिए जाना पड़ता है। दवाइयों की भी किल्लत है। बीएमसी अस्पतालों में पंजीकरण के लिए क्यूआर कोड और अन्य डिजिटलीकरण व्यवस्था लागू करने के लिए 556 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है, फिर भी यह व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। इस बारे में जब लोढा ने सवाल पूछा तो डीन रावत ने अपर्याप्त कर्मचारियों की वजह बताई। इस पर लोढ़ा ने रावत व अस्पताल अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
ये भी पढ़ें :- Shilpa Shetty- Raj Kundra की एफआईआर रद्द करने की मांग, सुनवाई 20 नवंबर बाद
मरीजों के परिजनों का आरोप है कि बाहरी टेस्ट सेंटरों को फायदा पहुंचाने के लिए दलालों के माध्यम से मरीजों को निजी लैब में भेजा जा रहा है। इस दौरान लोढ़ा ने विदेश से मेडिकल शिक्षा लेकर आए डॉक्टरों से मुंबई में डे-केयर सेंटर की रजिस्ट्रेशन के लिए ‘खान’ नामक व्यक्ति द्वारा 25 लाख रुपये मांगे जाने का उदाहरण भी दिया।






