'मैं एक अडिग राष्ट्रवादी! नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा है कि राज्य में उनका 13 महीने का कार्यकाल उनके सार्वजनिक जीवन का सबसे सुखद समय था और वह अपने साथ मधुर यादें लेकर जाएंगे। वह भारत के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में दिल्ली जाने वाले हैं। राधाकृष्णन (67) ने मंगलवार को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। संभावना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शुक्रवार को पद की शपथ दिलाएंगी।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद 25 अगस्त को राजभवन में आयोजित एक अनौपचारिक अभिनंदन समारोह में राधाकृष्णन ने खुद को “अडिग राष्ट्रवादी” बताया। राधाकृष्णन ने कहा कि उनकी मां उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरक कहानियां सुनाती थीं। उन्होंने भारत को संविधान देने और सामाजिक बुराइयों से साहसपूर्वक लड़ने के लिए डॉ. भीम राव आंबेडकर की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी ने विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ी, जबकि आंबेडकर ने उत्पीड़न का मुकाबला किया। ऐसे दूरदर्शी लोगों की वजह से ही भारत एक लोकतंत्र बना हुआ है, जबकि हमारे पड़ोसी पाकिस्तान को इसे बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा।”
जुलाई 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल का पदभार संभालने वाले राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान दो मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा, “जब मैंने कार्यभार संभाला था, तब वर्तमान उपमुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) मुख्यमंत्री थे और वर्तमान मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) उपमुख्यमंत्री थे। बाद में, उनकी भूमिकाएं बदल गईं। फिर भी, उनके सौहार्दपूर्ण संबंध और टीम वर्क की भावना इस महान राज्य की राजनीतिक संस्कृति के बारे में बहुत कुछ कहती है।”
राधाकृष्णन ने कहा कि महाराष्ट्र ने उन्हें अमूल्य प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव दिया है। उन्होंने कहा, “मैं सौभाग्यशाली महसूस करता हूं कि पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के बाद, मुझे भी महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से भारत के उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचने का अवसर मिला है।” राधाकृष्णन ने कहा कि विकास समावेशी होना चाहिए और अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और समाज के हर वर्ग को लाभान्वित करना चाहिए।
ये भी पढ़े: उद्धव-राज ठाकरे के बीच चौथी मुलाकात से महाराष्ट्र की सियासी सरगर्मी बढ़ी, आने लगे रिएक्शन
उन्होंने कहा, “विकास को सच्चा विकास तभी कहा जा सकता है जब उससे समाज के सभी वर्गों का उत्थान हो।” राधाकृष्णन इससे पहले झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं और तेलंगाना व पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र उनके लिए हमेशा खास रहेगा। उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर यहां अपने कार्यकाल के दौरान मिले गर्मजोशी, सहयोग और मित्रता के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मैं अपने साथ महाराष्ट्र और यहां के लोगों की मधुर यादें लेकर आया हूं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)