मनोज जरांगे (pic credit; social media)
Maharashtra News: मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में बुधवार से गणेशोत्सव की धूम शुरू हो रही है। ऐसे समय में मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने आजाद मैदान पर अनशन करने का ऐलान कर सरकार की चिंता बढ़ा दी थी। लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस आंदोलन पर रोक लगाते हुए बड़ा फैसला सुनाया।
दरअसल, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि गणेशोत्सव जैसे महापर्व के दौरान मुंबई में कानून-व्यवस्था और यातायात बाधित न हो, यह सुनिश्चित करना सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसी आधार पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि जरांगे को आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति न दी जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार चाहे तो उन्हें नवी मुंबई के खारघर या किसी अन्य स्थान पर धरने की इजाजत दी जा सकती है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि जरांगे बिना पूर्व अनुमति के किसी भी तरह का आंदोलन शुरू न करें। अदालत के इस आदेश से सरकार को फिलहाल राहत मिली है, क्योंकि मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक दबाव रहता है।
दूसरी ओर, जरांगे और उनकी टीम ने आंदोलन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने बुधवार सुबह 10 बजे अंतरवाली सराटी से मुंबई की ओर कूच करने का ऐलान किया है। अदालत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए जरांगे ने इसे “सरकारी खेल” करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारी मांगें जायज और कानून के अनुरूप हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना चाहते हैं। सरकार चाहती है कि हम उग्र कदम उठाएं, इसलिए अड़चने खड़ी की जा रही हैं। अगर खारघर में अनुमति दी जा सकती है तो आजाद मैदान में क्यों नहीं?”
जरांगे ने साफ कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा और वे कानून का सम्मान करते हैं। साथ ही उन्होंने दोहराया कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिलाना उनका लक्ष्य है और इसके लिए वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।