हर्षवर्धन सपकाल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Harshwardhan Sapkal On Pune Land Scam: महाराष्ट्र की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य भर में जमीन के सौदों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने दावा किया कि ‘जमीन घोटालों के ‘मास्टरमाइंड’ मंत्रालय से काम कर रहे हैं।
सपकाल ने इन लेन-देन को ‘‘सामूहिक अपराध” करार दिया और भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर इसमें शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया।
सपकाल ने मुंबई और पुणे में हुए कथित घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि महायुति सरकार पूरी तरह बेशर्म हो गई है। हर दिन एक नया घोटाला सामने आता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और उनके रिश्तेदार राज्य को लूट रहे हैं। करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव हड़प ली गई है।
पुणे भूमि मामले का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार ने 40 एकड़ ‘महार वतन’ जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी, जबकि इसके लिए उन्होंने केवल 500 रुपये स्टांप शुल्क का भुगतान किया। सपकाल ने सवाल किया कि उस जमीन पर आईटी पार्क बनाने के प्रस्ताव को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई और दस्तावेजों में फेरबदल किया गया।
उन्होंने कहा कि अब सरकार कह रही है कि सौदा रद्द कर दिया गया है। यह अपराध स्वीकारोक्ति है। अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पार्थ पवार का नाम प्राथमिकी से क्यों गायब है?
हर्षवर्धन सपकाल ने यह भी आरोप लगाया कि पार्थ पवार की कंपनी ने पहले भी पुणे के बोपोडी इलाके में सरकारी कृषि डेयरी की जमीन पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अतिक्रमण किया था।
कांग्रेस नेता ने जमीन खरीद में इस्तेमाल की गई धनराशि के स्रोत पर भी सवाल उठाया, दावा किया कि यह पैसा एक चीनी कारखाने के जरिए आया था। उन्होंने सरकार द्वारा गठित जांच समिति को “सिर्फ दिखावा” बताया।
अन्य कथित जमीनी अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए सपकाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पुणे में एक जैन बोर्डिंग ट्रस्ट की जमीन हड़प ली थी। हालांकि बाद में सौदा रद्द कर दिया गया, लेकिन संबंधित चैरिटी कमिश्नर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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सपकाल ने पुणे के रिंग रोड और समृद्धि एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में भी भारी अनियमितताएं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि समृद्धि परियोजना से असल में किसे फायदा हुआ है। उन्होंने सरकार से ऐसे सभी भूमि लेनदेन पर एक श्वेतपत्र (White Paper) जारी करने की मांग दोहराई।
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों पर, सपकाल ने सत्तारूढ़ दल पर इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने अपनी शाखाओं में कभी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया।
सपकाल ने चेतावनी दी कि इस गीत का इस्तेमाल सांप्रदायिक या धार्मिक तनाव पैदा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, और भाजपा का ‘वंदे मातरम’ के प्रति प्रेम भ्रामक और अवसरवादी है।