निर्माण व्यवसायी से जबरन वसूली (pic credit; social media)
Mumbai Extortion Case: पवई पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) की पूर्व नगरसेविका के निजी सहायक मनीष नायर और उनके साथियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने निर्माण व्यवसायी जुबैर अंसारी (35) से जबरन वसूली की। जांच में यह भी सामने आया कि इस रैकेट में एक स्थानीय पत्रकार और महिला आरोपी भी शामिल थी।
शिकायतकर्ता जुबैर अंसारी, जो निर्माण सामग्री की आपूर्ति का व्यवसाय करता है, ने पवई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि 21 जुलाई को नागर ने उसे फोन पर धमकाया। इसके बाद 26 जुलाई को सनी, वाल्पी और शाहिद ने मिलकर 50,000 रुपये की मांग की। अंसारी ने शुरुआती तौर पर 25,000 रुपये अदा किए। इसके बाद ट्रकों के लिए अतिरिक्त 1,000 रुपये प्रति ट्रक की दर से कुल 26,000 रुपये और वसूले गए।
पुलिस ने बताया कि 17 सितंबर को भी अंसारी से 20,000 रुपये की मांग की गई। इसके बाद उन्होंने मनीष नायर, फिरोज खार, सनी कुलाचे, नवश्य वाल्वी, शाहिद रिजवी और दो अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। पुलिस के अनुसार सभी आरोपी मामले की गहन जांच के लिए हिरासत में हैं।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें एक पत्रकार भी शामिल था। आरोपी पत्रकार और पूर्व नगरसेविका के सहायक के नाम से जुड़े होने के कारण मामले ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। पुलिस ने कहा कि इस कार्रवाई से यह साफ संदेश जाता है कि कोई भी व्यक्ति या रैकेट कानून से ऊपर नहीं है।
स्थानीय व्यवसायियों में इस कार्रवाई को लेकर राहत की भावना है। अक्सर छोटे व्यवसायी जबरन वसूली के शिकार होते हैं लेकिन पुलिस की सतर्कता और तुरंत कार्रवाई से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
पवई पुलिस अब आरोपियों के अन्य संगठनों और संभावित साजिश की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और जल्द ही पूरी तस्वीर सामने आएगी।
जुबैर अंसारी ने बताया कि इस कार्रवाई से उसे सुरक्षा का भरोसा मिला है और अब वह खुले मन से अपने व्यवसाय को चला सकेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे रैकेट पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि छोटे व्यवसायी दबाव और धमकियों से मुक्त हो सकें।
इस मामले ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है बल्कि आम जनता को भी यह संदेश दिया है कि पुलिस समय रहते कदम उठाए तो कानून का शासन हर हाल में सुनिश्चित किया जा सकता है।