ईवीएम सुरक्षा बनी सिरदर्द (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Elections: राज्य की स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव के पहले चरण का मतदान मंगलवार (2 दिसंबर) को संपन्न हुआ। हाई कोर्ट के आदेशानुसार मतगणना 21 दिसंबर को होगी। लेकिन इस बीच स्ट्रॉन्ग रूम में ‘सुरक्षित’ रखी गई ईवीएम मशीनों की सुरक्षा चुनाव आयोग और सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है।
मतदान के बाद मंगलवार की रात से ही कई स्थानों पर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर हंगामे की घटनाएँ सामने आईं, जिसमें प्रदर्शनकारी ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं और मतदान प्रतिशत में वृद्धि का आरोप लगा रहे हैं।
सांगली के आष्टा नगर परिषद में राकांपा (शरदचंद्र पवार) समर्थित शहर विकास आघाड़ी ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि रात में जारी आंकड़ों और सुबह ऑनलाइन उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों में करीब दो हजार मतों का अंतर पाया गया। कार्यकर्ताओं ने विलासराव शिंदे बहुउद्देशीय हॉल स्थित स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर आंदोलन किया।
आरोपकर्ताओं का यह भी कहना है कि वार्ड नंबर 3 में कुल 1311 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन मतदाताओं की संख्या 4077 दिखाते हुए 3109 लोगों के मतदान का दावा किया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को भी अपर्याप्त बताया जा रहा है।
गोंदिया जिले की सालेकसा नगर पंचायत में मतदान पूर्ण होने के बाद उम्मीदवारों व प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सभी ईवीएम मशीनों को ऑन-ऑफ कर सील किया गया था। फिर भी तहसील कार्यालय में 17 प्रभागों की मशीनों की सील तोड़कर दोबारा ऑन किए जाने का आरोप लगाया गया है। उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में पूर्व सूचना नहीं दी गई।
निर्वाचन निर्णय अधिकारी मोनिका कांबले ने बताया कि कंट्रोल यूनिट की जांच की गई है और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है।
परली नगर परिषद में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवार संध्या देशमुख के पति दीपक देशमुख ने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर 17 दिन तक रहने की अनोखी मांग की है। उनका कहना है कि मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनज़र उन्हें वहीं रहने दिया जाए। मतगणना 21 दिसंबर को होगी, जबकि कुछ क्षेत्रों में 20 दिसंबर को मतदान होना बाकी है। लगातार सामने आ रहे इन विवादों ने ईवीएम सुरक्षा को लेकर चिंताएं और गहरा दी हैं।