मेट्रो कार शेड (pic credit; social media)
Maharashtra News: भाईंदर पश्चिम में प्रस्तावित मेट्रो कार शेड वास्तव में कहां बनेगा? यह सवाल अब भी अनुत्तरित है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) ने उत्तन के डोंगरी क्षेत्र की सरकारी जमीन (सर्वे नं. 19) पर कार शेड बनाने की योजना तैयार की है। लेकिन पर्यावरणविदों के विरोध और जमीन मालिकों के वैकल्पिक प्रस्ताव के चलते सरकार की स्थिति अब भी अस्पष्ट बनी हुई है। इससे आम नागरिकों में असमंजस और भ्रम की स्थिति बनी है।
दहिसर-गुंदवली (मेट्रो-7) और दहिसर-भाईंदर (मेट्रो-1) परियोजनाओं के लिए कार शेड की जरूरत बताई गई थी। शुरुआत में इसके लिए भाईंदर के मुर्धा, राई और मोरवा गांव की 38 हेक्टेयर जमीन का चयन हुआ था, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण योजना बदलनी पड़ी। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश पर एमएमआरडीए ने उत्तन (डोंगरी) की 59 हेक्टेयर सरकारी जमीन का चयन किया।
इस स्थान पर कुछ घर और पूजा स्थल प्रभावित हो रहे हैं। सरकार ने प्रभावितों को मुआवजा देने और धार्मिक स्थलों को सुरक्षित रखने का आश्वासन भी दिया। यहां तक कि कार शेड का नाम धार्मिक स्थल के नाम पर रखने का सुझाव भी सामने आया। हालांकि, लगभग 12,000 पेड़ों की कटाई का मुद्दा सबसे बड़ा विवाद बन गया, जिस पर पर्यावरण संगठन लामबंद हो गए।
डोंगरी में बढ़ते विरोध को देखते हुए खोपरा गांव के जमीन मालिक आगे आए। उन्होंने लगभग 100 एकड़ निजी भूमि कार शेड के लिए देने का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि इस जमीन पर कार शेड बनने से एक भी पेड़ नहीं काटना पड़ेगा। साथ ही, उन्होंने सरकार से मांग की है कि अधिग्रहित भूमि का मुआवजा रेडी रेकनर रेट के आधार पर दिया जाए। यह प्रस्ताव उन्होंने परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक के माध्यम से उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपा है। शिंदे ने इसे जांच के लिए एमएमआरडीए को भेज दिया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
एक ओर पर्यावरणविद और स्थानीय नागरिक डोंगरी की जमीन पर पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर खोपरा गांव के जमीन मालिक अपनी जमीन देने को तैयार हैं। बावजूद इसके सरकार और एमएमआरडीए की भूमिका स्पष्ट नहीं है। फिलहाल यह मामला विचाराधीन है और अंतिम निर्णय आने तक स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं में असमंजस और बेचैनी बनी रहने की संभावना है।