निकेत कौशिक, पुलिस आयुक्त (pic credit; social media)
Maharashtra News: मीरा-भाईंदर वसई-विरार (MBVV) पुलिस आयुक्तालय में अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) का व्यापक पुनर्गठन किया गया है। पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य अपराधों की जांच में पारदर्शिता लाना और गति बढ़ाना है। साथ ही महिला सुरक्षा और बाल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आयुक्त कौशिक ने बताया कि नई संरचना से क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली और अधिक सुव्यवस्थित होगी। सभी इकाइयों में बेहतर समन्वय से अपराधों के समाधान की क्षमता बढ़ेगी। यह पुनर्गठन पुलिस बल के लिए एक नई शुरुआत है और जनता को यह भरोसा दिलाता है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
महिला सुरक्षा पर फोकस: नया महिला अत्याचार विरोधी एवं बाल संरक्षण कक्ष बनाया गया है। इसका नेतृत्व पुलिस निरीक्षक या सहायक पुलिस निरीक्षक करेंगे और यह सीधे एसीपी (प्रकटीकरण) के अधीन रहेगा। इस यूनिट में 3 अधिकारी और 14 पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं।
मानव तस्करी विरोधी सेल (HTC) बंद: अब तक सक्रिय HTC को खत्म कर दिया गया है। इसके कर्मचारी मादक पदार्थ विरोधी सेल (ANC) में समायोजित किए गए हैं। ANC अब दो हिस्सों में बंट गई है — ANC-1 (मीरा-भाईंदर) और ANC-2 (वसई-विरार)।
अपराध प्रकटीकरण शाखा (क्राइम डिटेक्शन यूनिट): अब इसमें चार यूनिट्स होंगी। पुरानी सेंट्रल क्राइम यूनिट का नाम बदलकर यूनिट-4 कर दिया गया है। सभी यूनिट्स सीधे पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट करेंगी, लेकिन कार्यक्षेत्र से बाहर की जांच के लिए डीसीपी (क्राइम) की अनुमति आवश्यक होगी।
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