धाराशिव डीएम डांस, प्रताप सरनाईक (pic credit; social media)
Dharashiv Jilhadhikari Dance: हाल के दिनों में धाराशिव में भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों और आम जनता की परेशानियां बढ़ा दी हैं। सड़कें, खेत और घर जलमग्न हो गए हैं, जिससे इलाके में त्रासदी का माहौल है। ऐसे समय में प्रशासन की संवेदनशीलता और सतर्कता की उम्मीद की जाती है।
लेकिन इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है। वीडियो में धाराशिव के जिला कलेक्टर कीर्ति कुमार पुजार और रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर शोभा जाधव मंच पर डांस करते नजर आ रहे हैं। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम तुलजापुर में आयोजित किया गया था।
लोगों का आरोप है कि जब बाढ़ से आम जनता त्रस्त है, ऐसे में अधिकारियों का मंच पर डांस करना संवेदनशीलता की कमी दर्शाता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है और नागरिक इसे बाढ़ प्रभावित लोगों की भावनाओं का मजाक उड़ाने वाला करार दे रहे हैं।
निर्लज्जपणाचा कळस !#धाराशिव जिल्हा अतिवृष्टी मुळं संकटात असताना नागरिकांच्या घरादारात, शेत शिवारात पाणीच पाणी असतांना अश्या संकटात शेतकरी मदतीची आस लावून प्रशासनाकडे डोळे लावून बसले आहे आणी जिल्हाधिकारी कीर्ती किरण पुजार मात्र नाच गाण्यात मग्न दिसत आहेत.#ओला_दुष्काळ #Dharashiv pic.twitter.com/NANMLcVeMC — Sham Pawara (@ShamPawara09) September 26, 2025
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए महायुति सरकार के मंत्री सरनाईक ने जिला कलेक्टर को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि संकट के समय अधिकारियों को जनता की परेशानियों को समझते हुए कार्य करना चाहिए, न कि सार्वजनिक मंच पर मनोरंजन करना।
धाराशिव में हाल ही में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उनका दौरा प्रभावित लोगों की मदद और हालात का जायजा लेने के लिए था। ऐसे में अधिकारियों का डांस वीडियो प्रशासन की छवि पर सवाल खड़ा कर रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अधिकारियों का यह व्यवहार लोगों की पीड़ा और मुश्किलों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को तेज करे और जनता के बीच अपनी जिम्मेदारी साबित करे।
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी सनसनी फैला दी है। वीडियो को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और लोग अधिकारियों से जवाब मांग रहे हैं। प्रशासन अब इस विवाद पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हुआ है।