घाटकोपर में सिलेंडर विस्फोट (pic credit; social media)
Cylinder blast in Ghatkopar: मुंबई के घाटकोपर इलाके में मंगलवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। पूर्व उपनगर के 60 फीट रोड पर स्थित नीलधारा बिल्डिंग के निर्माण स्थल पर रखे गैस सिलेंडर में जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
फायर ब्रिगेड, पुलिस और बीएमसी का स्टाफ तुरंत मौके पर पहुंचा और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। जानकारी के मुताबिक, निर्माणाधीन इमारत में काम करने वाले मजदूर अस्थायी झोपड़ी में सिलेंडर से खाना बना रहे थे। इसी दौरान सिलेंडर फट गया और आग लग गई।
इस हादसे में चार मजदूर बुरी तरह झुलस गए। राजावाड़ी अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, 36 वर्षीय घनश्याम यादव और 26 वर्षीय देवेंद्र पाल 60 से 70 प्रतिशत तक जल गए हैं और दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं महेंद्र चौधरी 10 से 12 प्रतिशत और संदीप 5 प्रतिशत झुलसने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं।
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सिलेंडर ब्लास्ट के बाद मौके पर मौजूद मजदूरों में भगदड़ मच गई। कई मजदूरों ने अपनी जान बचाने के लिए निर्माण स्थल से बाहर भागना शुरू कर दिया। आसपास के लोग भी डर से सहम गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं फायर ब्रिगेड ने सिलेंडर और मलबा हटाकर स्थल को सुरक्षित बना दिया है।
यह हादसा एक बार फिर मुंबई में निर्माण स्थलों पर श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें बुनियादी सुरक्षा इंतज़ाम नहीं दिए जाते। सिलेंडर जैसे खतरनाक सामान को भी खुले में रख दिया जाता है।
इधर, कांदिवली पूर्व के आकृति इलाके में भीषण आगजनी की घटना ने लोगों को दहला दिया। सम मिरची चाल में एक कैटरिंग दुकान में आग लगने से सात लोग बुरी तरह झुलस गए थे। पिछले 10 दिनों में छह महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि एकमात्र जीवित बचे मसराम कुमकट (55) अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
मुंबई में एक ही दिन में हुए दो दर्दनाक हादसों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर शहर में मजदूरों और गरीब तबके की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।