अवैध टिकटिंग रैकेट का पर्दाफाश (pic credit; social media)
CR Vigilance Action Against Illegal Ticketing: मुंबई और सेंट्रल रेलवे के अन्य शहरों में अवैध टिकट कारोबार पर CR विजिलेंस ने सख्त कार्रवाई की है। जनवरी से मई 2025 के बीच विभाग ने आठ विशेष जांच अभियान चलाए और टिकटिंग में गैरकानूनी प्रथाओं पर कड़ी निगरानी रखी।
फरवरी में अंबरनाथ में सॉफ्टवेयर के जरिए अनधिकृत ई-टिकटिंग पकड़ में आई। इस छापेमारी में 12,000 रुपये मूल्य के 8 टिकट और 13 आईआरसीटीसी आईडी जब्त किए गए। इसी तरह कोल्हापुर में चार दलालों को पकड़ा गया, जिनके पास 25,557 रुपये मूल्य के टिकट मिले।
मार्च में पुणे के डेक्कन जिमखाना पीआरएस पर तीन दलालों से 10,520 रुपये के टिकट जब्त किए गए, वहीं एक क्लर्क द्वारा सिस्टम का दुरुपयोग भी पकड़ा गया। अप्रैल में फों पहचान का गलत इस्तेमाल करने वाले दो यात्रियों को दंडित किया गया।
मई में दो गैर-रेलवे कर्मचारी विशेष पास का दुरुपयोग करते पाए गए और उन पर 10,990 रुपये का जुर्माना लगाया गया। 22 मई को मलकापुर में बड़ा दलाल रैकेट उजागर हुआ, जिसमें 182 टिकटों की वैल्यू 10.09 लाख रुपये थी। इस कार्रवाई से अवैध टिकटिंग और टिकट ट्रांसफर रैकेट को बड़ा झटका लगा।
CR विजिलेंस विभाग ने बताया कि इन छापेमारियों का उद्देश्य रेलवे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाना और यात्रियों को सुरक्षित और वैध टिकटिंग सुविधा प्रदान करना है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या दलाल अनधिकृत टिकटिंग में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सेंट्रल रेलवे ने इस कार्रवाई से यह संदेश दिया है कि अवैध टिकटिंग और सिस्टम का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने कहा कि यात्रियों को केवल आधिकारिक वेबसाइट और ऐप से ही टिकट खरीदना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की निरंतर निगरानी और कार्रवाई से रेलवे सिस्टम में भ्रष्टाचार कम होगा और यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा। CR विजिलेंस विभाग ने इस अभियान को लगातार जारी रखने और भविष्य में अवैध टिकटिंग रैकेट को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है।
यह कार्रवाई न केवल मुंबई बल्कि पूरे सेंट्रल रेलवे जोन के लिए बड़ी चेतावनी है कि कोई भी रेलवे नियमों का उल्लंघन करने की कोशिश न करे।